काले कपड़ों से कड़े शब्दों तक बिहार विधानसभा में तूफानी दिन: 'यह किसी के बाप का सदन नहीं' वाले बयान पर मचा बवाल, कार्यवाही स्थगित
'किसी के बाप का सदन नहीं'- भाई वीरेंद्र की टिप्पणी से सदन में मचा तूफान
CM बोले ‘फालतू’, विधायक बोले ‘बाप का नहीं’, बिहार विधानसभा में बेकाबू हंगामा
भाई वीरेंद्र का विवादित बयान, अध्यक्ष का गुस्सा, और नीतीश का तंज, सदन बना अखाड़ा
काले कपड़ों से कड़े शब्दों तक, बिहार विधानसभा में गरमी का तीसरा दिन
Patna: बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र का तीसरा दिन हंगामे और टकराव से भरपूर रहा। सदन के भीतर से लेकर बाहर तक गर्म माहौल दिखा। एक तरफ विपक्षी विधायकों ने काले कपड़े पहनकर जोरदार प्रदर्शन किया, तो दूसरी तरफ सदन के भीतर एक विवादित टिप्पणी ने सबका ध्यान खींच लिया।
यह सदन किसी के बाप का नहीं... इस बयान पर बवाल
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मतदाता पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया की खामियों को गिना रहे थे। तभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीच में टोकते हुए लालू-राबड़ी सरकार की पुरानी गलतियों को गिनाया। तेजस्वी ने दोबारा बोलना शुरू किया, तभी राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कह दिया, 'यह सदन किसी के बाप का नहीं है'। जिसके बाद इस टिप्पणी ने माहौल को और गरमा दिया। विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने कड़ी आपत्ति जताते हुए भाई वीरेंद्र को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि, इस तरह की भाषा सदन में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके बाद सदन में शोर-शराबा शुरू हो गया और कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया।
सदन के बाहर काला कपड़ा और धक्का-मुक्की!
सदन के अंदर हंगामा था ही, लेकिन बाहर भी माहौल कुछ कम गर्म नहीं था। विपक्षी विधायक काले कपड़े पहनकर मुख्य प्रवेश द्वार पर प्रदर्शन कर रहे थे। उनका आरोप है कि बिहार में अपराध बढ़ रहा है और मतदाता पुनरीक्षण की प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं है। इस प्रदर्शन के दौरान एक सुरक्षाकर्मी द्वारा एक विधायक को कथित रूप से धक्का दिए जाने की बात सामने आई। इसके बाद प्रदर्शन कर रहे विधायकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच काफी देर तक तनातनी रही। स्थिति धक्का-मुक्की तक पहुंच गई।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का तंज: "ये सब फालतू प्रदर्शन है"
मुख्यमंत्री जब विधानसभा पहुंचे तो उन्हें मुख्य प्रवेश द्वार की बजाय दूसरे दरवाजे से अंदर जाना पड़ा। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि, विपक्ष का ये प्रदर्शन सिर्फ दिखावा है। इसका कोई मतलब नहीं है। ये सब फालतू हरकतें हैं।
आपको बता दें कि, बिहार विधानसभा में इस तरह के हालात यह इशारा कर रहे हैं कि आगामी चुनाव को लेकर सभी दलों में बेचैनी है। जहां राजद लगातार हमलावर तेवर में है, वहीं एनडीए सरकार इसे ‘अनुशासनहीनता’ और ‘राजनीतिक ड्रामा’ बता रही है।







