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JDU रैली में गोपाल मंडल ने उमेश कुशवाहा को हड़काया बोले- हमें ज्यादा समझाओ मत

 

जनता दल यूनाइटेड के चर्चित विधायक गोपाल मंडल एक बार फिर मीडिया की सुर्खियों में आ गए हैं. भारत रत्न कर्पूरी ठाकर की जन्मशताब्दी के अवसर पर आयोजित रैली में गोपाल मंडल ने प्रधानमंत्री और राम मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया. इसी दौरान बिहार जदयू अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने उनको रोकने की कोशिश की. जिसपर वह तिलमिला उठे और यहां तक दिया- "हमें समझाइए मत, हम बहुत समझदार हैं"

जेडीयू ने वेटनरी कॉलेज ग्राउंड पर कर्पूरी जयंती समारोह के बहाने अपनी पूरी ताकत लगायी थी. राज्य भर से नेताओं को आदमी लेकर आने को कहा गया था. इसलिए भीड़ ठीक-ठाक जुट गयी थी. इसके बाद भाषण का सिलसिला शुरू हुआ. पहले विधायक, फिर सांसद, मंत्री और आखिर में मुख्यमंत्री. विधायकों के भाषण का दौर खत्म हुआ तो सांसदों के भाषण का सिलसिला शुरू हो गया. 


जहानाबाद से सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी भाषण दे रहे थे तो गोपाल मंडल उनके बगल में आ खड़े हुए. वे चंदेश्वर चंद्रवंशी का भाषण खत्म होते ही माइक लूट लेने की मुद्रा में खड़े थे. उनकी तैयारी देख विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ संजय गांधी उनके पास पहुंचे. वे गोपाल मंडल को अपनी जगह पर बैठ जाने को कह रहे थे. लेकिन गोपाल मंडल ने उनके हाथ को झटक दिया. संजय गांधी बोलते रहे लेकिन गोपाल मंडल ने मुंह दूसरी ओर फेर लिया. 

इसी बीच जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा वहां पहुंचे. चंदेश्वर चंद्रवंशी का भाषण खत्म हो चुका था. उमेश कुशवाहा ने माइक थाम लिया और दूसरे सांसद दिलेश्वर कामत को भाषण देने के लिए बुला लिया. गोपाल मंडल ने वहीं अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को हड़काना शुरू कर दिया. उमेश कुशवाहा उन्हें किसी तरह मना कर माइक से दूर ले गये. लेकिन गोपाल मंडल के तेवर ऐसे थे कि दिलेश्वर कामत को भाषण देने का न्योता देकर रोक दिया गया. गोपाल मंडल माइक पर भाषण देने पहुंच गये.

गोपाल मंडल ने मंच से हजारों लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "हम लोगों का कोई लीडर नहीं है। हम बिहार के कोने-कोने में जाएंगे और सभी लोगों को जगाने का काम करेंगे। हम ये स्थिति बना देंगे कि लोकसभा की 40 सीटें जीतेंगे।"
इसके बाद उन्होंने राम मंदिर का जिक्र किया। गोपाल मंडल ने कहा, "मैं एक बात कह देना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री ने जो राम की स्थापना की वो गलत तरीके से की. मकान पूरा नहीं हुआ है. मंदिर पूरा नहीं हुआ है... और उन्होंने अकेले बैठकर स्थापना कर दी।"