Movie prime

राज्यपाल की पहल, PK का अनशन खत्म कराने का प्रयास, बोलें- छात्रों का प्रतिनिधिमंडल राजभवन भेजिए

 

जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर पिछले 12 दिनों से आमरण अनशन पर हैं। वहीं आज यानी सोमवार को बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान द्वारा प्रशांत किशोर का अनशन खत्म कराने की बड़ी पहल की है। उन्होंने प्रशांत किशोर से कहा है कि आप अपने छात्रों का प्रतिनिधिमंडल राजभवन भेजिए उनसे हम बातचीत कर समाधान निकालने का हर संभव प्रयास करेंगे। वहीं इसको लेकर अब 10:30 बजे छात्रों के प्रतिनिधियों के साथ शेखपुरा आवास पर प्रशांत किशोर की बैठक होगी, जिसमें यह तय होगा कि किन प्रतिनिधियों को राज्य भवन भेजा जाएगा।

BPSC 70वीं PT परीक्षा रद्द करवाने समेत अन्य मांगों को लेकर प्रशांत किशोर का आमरण अनशन जारी है। उनके अनशन का आज 12वां दिन है। तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें 7 जनवरी को पटना के मेदांता अस्पताल के ICU वार्ड में एडमिट कराया गया था। दो दिनों तक वो ICU में रहे। उसके बाद उन्हें आइसॉलेशन वार्ड में रखा गया। शनिवार की शाम उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई।

अस्पताल में एडमिट रहने के दौरान पीके से कई बार BPSC कैंडिडेट्स मिलने पहुंचे थे और उनसे अनशन खत्म करने की अपील की थी। प्रशांत ने अभ्यर्थियों से कहा था कि मांगें पूरी होने तक अनशन जारी रहेगा

वहीं रविवार को पटना में मरीन ड्राइव के नजदीक जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर की ओर से टेंट लगवाया जा रहा था। पुलिस ने इसे हटवा दिया है। टेंट लगाने के काम को बंद करवा दिया है। पुलिस को सूचना मिली थी कि यहां पर पीके अनशन करने वाले हैं।

जन सुराज की ओर से कहा गया है कि प्रशांत किशोर को बिहार सरकार और प्रशासन ने कैंप बनाने से रोक दिया है। बिहार सरकार इससे घबराई हुई है। BPSC छात्रों के समर्थन में पिछले 11 दिनों से आमरण अनशन कर रहे प्रशांत किशोर को प्रशासन ने कैंप / टेंट लगाने नहीं दे रही है। 12 जनवरी 2025 को पटना में मरीन ड्राइव पर L&T कंस्ट्रक्शन कंपनी की साइट के बगल में एक निजी जमीन पर जन सुराज का कैंप लग रहा था, जिसे प्रशासन ने रोक दिया है। खगड़िया जिले से आए मजदूर तबरेज ने बताया कि शनिवार दोपहर से टेंट लगाने का काम चल रहा था। देर रात में टमाटर की फसल हटाई गई थी।

इस मामले पर जन सुराज पार्टी के प्रदेश महासचिव किशोर कुमार मुन्ना ने कहा था कि जब किसानों ने हमें जमीन दी है तो अनुमति की कोई जरूरत नहीं है। मैं जिला प्रशासन को चुनौती देता हूं कि वह साबित करे कि जमीन किसानों की नहीं बल्कि सरकार की है। प्रशासन सिर्फ भ्रम फैला रहा है क्योंकि वह प्रशांत किशोर से डर गया है। नीतीश सरकार जितना प्रशांत जी को दबाने की कोशिश करेगी, उतना ही बिहार की जनता उनके साथ जुड़ती जाएगी।