मैं माफी नहीं मांगूंगा!" भाई वीरेंद्र के बयान से भड़का सदन, विजय सिन्हा बोले- विपक्ष फैला रहा गुंडाराज
Patna: बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र का तीसरा दिन शांति की बजाय विवाद और नाराज़गी का दिन बन गया। राजद विधायक भाई वीरेंद्र के एक बयान ने ऐसा तूफान खड़ा किया कि सदन की कार्यवाही शुरू होते ही स्थगित करनी पड़ी। और जब विधायक सदन से बाहर निकले, तो उन्होंने भी साफ कह दिया, "मैं माफी नहीं मांगूंगा!"
क्या कहा भाई वीरेंद्र ने?
SIR मुद्दे पर चर्चा चल रही थी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपनी बात रख रहे थे। इसी दौरान RJD विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा, ये सदन किसी के बाप का नहीं है! इस पर विधानसभा अध्यक्ष भड़क गए और उन्होंने तुरंत माफी की मांग की। सत्ता पक्ष के विधायक खड़े होकर विरोध में उतर आए और जब तक माफी नहीं दी जाती, सदन नहीं चलने देने की चेतावनी दी।
बाहर निकलकर बोले भाई वीरेंद्र: 'माफी नहीं मांगूंगा, जो कहा वो गलत नहीं'
सदन स्थगित होने के बाद जब भाई वीरेंद्र बाहर आए, तो उन्होंने मीडिया से बातचीत में साफ कहा, मैंने असंसदीय भाषा का प्रयोग नहीं किया। मैंने कहा कि सदन किसी की बपौती नहीं है, इसमें गलत क्या है? उन्होंने दो टूक कहा कि, मैं माफी नहीं मांगूंगा, क्योंकि मैंने कुछ गलत नहीं कहा है।
सदन में और तेज हुआ टकराव: विजय सिन्हा ने साधा विपक्ष पर निशाना
विधानसभा से बाहर आने के बाद उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने विपक्ष को घेरते हुए कहा, "विपक्ष लोकतंत्र का नहीं, गुंडाराज का चेहरा दिखा रहा है। सदन को 1990 के दशक की तरह बंधक बनाना चाह रहा है।"
विजय सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्यार से बात की, तेजस्वी को पूरा वक्त मिला अपनी बात रखने के लिए, फिर भी RJD विधायक ने ‘सदन किसी के बाप का नहीं’ जैसा बयान देकर माहौल खराब किया। उन्होंने आरोप लगाया कि "विपक्ष संविधान और सदन की मर्यादा का लगातार अपमान कर रहा है।"
स्पीकर भी हुए सख्त, कहा- “खेद तो प्रकट करना ही होगा”
विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने भी भाई वीरेंद्र की भाषा को अनुचित बताया और उन्हें माफी मांगने के लिए कहा। लेकिन जब माफी नहीं मिली और सत्ता पक्ष का विरोध बढ़ता गया, तब स्पीकर ने कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया।
क्या आगे और गरम होगा सत्र?
तीन दिनों से लगातार बवाल, टकराव और विरोध ने ये संकेत दे दिया है कि विधानसभा का ये सत्र शांति से नहीं गुजरने वाला। जहां विपक्ष SIR मुद्दे और अपराध पर सरकार को घेर रहा है, वहीं सत्ता पक्ष अब विपक्ष की भाषा और व्यवहार को मुद्दा बना रहा है।







