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बटेंगे तो कटेंगे पर NDA में मतभेद, उपेंद्र कुशवाहा ने कहा- मैं बिलकुल सहमत नहीं हूँ

 

बीजेपी नेताओं द्वारा दिया गया 'बटेंगे तो कटेंगे' नारा इनदिनों खूब चर्चा में है. इस नारे को लेकर एनडीए एकमत नहीं हो पा रहा है. एनडीए के कई दल खुलकर इस नारे का विरोध कर रहे हैं. अब आरएलएम ने भी नारे से किनारा कर लिया है. आरएलएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने साफ कहा कि वह इस नारे से सहमत नहीं हैं. 

बीजेपी की ओर से लगातार नारा लगाया जा रहा है 'बंटोगे तो कटोगे', इस पर उन्होंने कहा कि इस तरह की बातों में हमारी सहमति नहीं हो सकती. एक सवाल पर कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव प्रचार के लिए झारखंड नहीं गए इस पर जवाब में कहा कि नहीं गए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के एक बयान पर भी प्रतिक्रिया देने से उपेंद्र कुशवाहा बचते दिखे. इस सवाल पर कि गिरिराज सिंह ने कहा है कि हेमंत सरकार रांची को कराची बनाने जा रही है. इस पर कहा, "यह उनका स्टेटमेंट है, यह उन्हीं से पूछिए."

वहीं पशुपति पारस के एनडीए अलग होने की आशंकाओं पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि "इस पर मैं कुछ नहीं बोलूंगा." उपेंद्र कुशवाहा आज दिल्ली से पटना पहुंचे. इस दौरान पत्रकारों ने उनसे पटना एयरपोर्ट पर सवाल किया था.

दूसरी ओर महाराष्ट्र और झारखंड में हुए चुनाव को लेकर कहा कि उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सब जगह एनडीए की बढ़त है. कहीं कोई कठिनाई नहीं है. महाराष्ट्र में बीजेपी नेता विनोद तावड़े के नोट बांटे जाने वाले मामले में कुशवाहा ने कहा कि आरोप लगाने से कुछ नहीं होगा. क्या सच्चाई है उसको कोई साबित करे उसके बाद कुछ बयानबाजी करें. आरोप लगाने से कुछ नहीं होता है.

आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नियोजित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटा है. इस पर उपेंद्र ने कहा कि यह अच्छी बात है न, मुख्यमंत्री ने अधिक से अधिक नौकरी और रोजगार देने का वादा किया है. उस दिशा में सरकार मजबूती से काम कर रही है. उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार जताया. नियुक्ति पत्र के वितरण पर महागठबंधन के लोग कह रहे हैं कि ये उनका तैयार किया हुआ रोड मैप था. इस पर उपेंद्र कुशवाहा ने तंज कसते हुए कहा कि रोड मैप क्या होता है उन्हें पता है क्या?