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झंझारपुर में जेडीयू के रामप्रीत मंडल वीआईपी के सुमन महासेठ से आगे, गुलाब यादव तीसरे स्थान पर

 

झंझारपुर लोकसभा सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय है। एक ओर जेडीयू के रामप्रीत मंडल मैदान में हैं तो उन्हें टक्कर देने के लिए वीआपी के सुमन महासेठ मैदान में हैं। महागठबंधन से टिकट नहीं मिलने से नाराज गुलाब यादव ने आरजेडी छोड़ दिया और बीएसपी के टिकट पर मैदान में हैं।राजनैतिक रूप से दबंग गुलाब यादव झंझारपुर का मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है। तीसरे चरण के तहत 7 मई को मतदान हुआ था।

वीआईपी को सीट जाने और सुमन महासेठ को टिकट मिलने के बाद राजद नेता गुलाब यादव बसपा में चले गए। गुलाब ने विधान परिषद चुनाव में पत्नी अंबिका को निर्दलीय लड़ाकर जिता लिया था। अंबिका ने उस चुनाव में महासेठ को भी हराया था। मधुबनी में गुलाब का दबदबा है। उनकी बेटी बिंदु जिला परिषद अध्यक्ष हैं।

झंझारपुर लोकसभा 1971 में अस्तित्व में आया। कांग्रेस से जगन्नाथ मिश्रा पहले सांसद बने। 1977 में जनता पार्टी के धनिक लाल मंडल ने उन्हें पराजित किया। 2019 के लोकसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड के रामप्रीत मंडल यहां के सांसद बने। उन्होंने राजद के गुलाब यादव को लगभग पौने तीन लाख मतों से पराजित किया। 2014 में यह सीट बीजेपी के खाते में आई जब वीरेंद्र चौधरी ने राजद उम्मीदवार मंगनी लाल मंडल को हराया था।

झंझारपुर लोकसभा में कुल छह विधानसभा क्षेत्र हैं जिसमें खजौली, बाबूबरही, राजनगर, झंझारपुर, फुलपरास और लौकहा शामिल हैं। खजौली, राजनगर और झंझारपुर पर बीजेपी का कब्जा है जबकि बाबूबरही और फुलपरास में जदयू के विधायक हैं। एक सीट लौकहा में राजद के विधायक हैं।