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लोकसभा चुनाव में इन 5 कैंडिडेट को मिला पुरानी पृष्ठभूमि का फायदा, बीजेपी ने 2 नेताओं के पुत्र को टिकट दिया

 

परिवारवाद को लेकर पिछले कुछ दिनों से पूरे देश में बहस छिड़ी हुई है. आरजेडी ने प्रधानमंत्री के परिवार पर सवाल उठाया था. जवाब में बीजेपी ने पूरे देश में 'मोदी का परिवार' कैम्पेन चलाया. बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने प्रत्याशी के नामों की घोषणा कर दी है. आरजेडी की तरफ से भी कई प्रत्याशियों को सिंबल दे दिया गया है. ऐसे में बिहार की राजनीति के 5 बड़े राजनीतिक परिवार के नये सदस्य 2024 के चुनाव में नजर आएंगे.

बिहार की राजनीतिक परिवार के 5 नये चेहरे इस लोकसभा चुनाव में उतरेंगे. वैसे इसमें से दो पहले से ही राजनीति में एंट्री कर चुके हैं, पहली बार लोकसभा में भाग्य आजमाएंगे. लालू प्रसाद की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य सारण सीट से राजद की उम्मीदवार होंगी. जमुई (सु) से चिराग पासवान के बहनोई अरुण भारती लोजपा के उम्मीदवार हैं. नवादा से सीपी ठाकुर के बेटे विवेक ठाकुर बीजेपी के उम्मीदवार हैं. सासाराम (सु) से पूर्व मंत्री मुनिलाल के पुत्र शिवेश राम को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं बक्सर सीट से आरजेडी के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह को पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है.

आरजेडी पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है. लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी में सभी बड़े पदों पर उनके परिवार के लोग ही दिखाई देते हैं. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, बिहार विधानसभा में विरोधी दल के नेता तेजस्वी यादव, बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव विधायक हैं. विधान परिषद में विधायक दल की नेता लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी हैं. बड़ी पुत्री मीसा भारती राज्यसभा की सदस्य हैं. इस बार लालू प्रसाद की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य सारण से चुनाव लड़ेंगी. वहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह बक्सर से चुनाव लड़ेंगे.

 बीजेपी लगातार परिवारवाद के मुद्दे पर विपक्षी दलों पर सवाल उठाती रहती है. लेकिन चुनाव आते ही कई जगहों पर अपने नेताओं के परिजन को टिकट देने से पीछे नहीं हटती है. 2024 के चुनाव में विवेक ठाकुर और शिवेश राम को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है.

बहरहाल, इन तमाम चीज़ों पर नजर जमाने के बाद यह कहा जा सकता है कि  परिवारवाद से कोई राजनीतिक दल अछूता नहीं रहा है। चुनाव के समय अपने नेता के परिवार के लोगों को टिकट देने से पीछे नहीं रहती है। लालू यादव पर परिवारवाद का आरोप लगता रहा है। चेहरे भले नये हों लेकिन पार्टी उनके परिवार के पुरानी पृष्ठभूमि को देख कर ही देती है। 2024 में जिन 5 नये लोगों को टिकट दिया गया है, सबका राजनीतिक पृष्ठभूमि बड़ा है।  जिसका राजनीतिक लाभ उनको मिल सकेगा।