सोनू-मोनू गैंग और अनंत सिंह विवाद के बीच सामने आया ललन सिंह का बयान, बोले - अनंत सिंह की पत्नी को किसने दिया टिकट

मोकामा गोलीकांड पर केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने गुरुवार को बिहार में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करने वाले सियासतदानों को जमकर सुनाया. साथ ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा पूर्व विधायक अनंत सिंह और सोनू-मोनू को ललन सिंह का आदमी बताए जाने पर राजद नेता को आड़े हाथों लिया.
इस पुरे मामले को लेकर मुंगेर के सांसद ललन सिंह ने कहा कि वह इलाका हमारे लोकसभा का हिस्सा है। वहां क्या हो रहा है और नहीं हो रहा है हमने इसकी जानकारी ली है। इसको लेकर पुलिस की टीम अपना काम कर रही है। ऐसे में जो लोग कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं उनसे मेरा सवाल यही है कि अनंत सिंह को टिकट किसने दिया था? वह खुद बताए कि उन्होंने टिकट दिया था हमने टिकट दिया था। इतना ही नहीं उनकी पत्नी को किसने टिकट दिया था। इसलिए उनको बोलने का हक़ नहीं है।

इसके आगे ललन सिंह ने कहा कि जो लोग आज लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल कर रहे हैं उनको याद करना चाहिए की उनके पिता जी के शासनकाल में क्या हुआ था? उस समय इस तरह से पुरे सूबे में अपहरण उघोग चलता था। इसलिए उनको तो कम से कम कुछ नहीं बोलना चाहिए। लेकिन,उनको बोलने की आदत है इसलिए बोल रहे हैं।
मालूम हो कि सोनू-मोनू दो भाई हैं जो ईंट-भट्ठे का कारोबार करते हैं। मुकेश सिंह इन्हीं के भट्ठे में मुंशी का काम करता था। कुछ समय पहले इन दोनों भाइयों का मुकेश सिंह के साथ किसी बात पर विवाद हो गया था। इस विवाद के बाद सोनू-मोनू ने मुकेश सिंह के घर में मारपीट की और ताला लगा दिया। वहीं, इस मामले में पूर्व विधायक अनंत सिंह ने एंट्री मारी। मुकेश सिंह की मदद के लिए बुधवार को अनंत सिंह जलालपुर के नौरंगा गांव में पहुंचे। यहां उन्होंने मुकेश सिंह के घर पर बंद किए गए ताले को खुलवाया।
इसी मामले के तहत बुधवार को अनंत सिंह और सोनू-मोनू गैंग के बीच काफी मुठभेड़ हुई। दोनों के बीच 70 से 80 राउंड गोलियां चलाई गईं। इस हमले में अनंत सिंह के एक समर्थक को गोली लग गई, वहीं खुद अनंत सिंह बाल-बाल बचे थे। इस मामले में पुलिस ने अनंत सिंह और सोनू-मोनू के खिलाफ कुल 3 FIR दर्ज की हैं। इसके बाद सोनू ने सरेंडर कर दिया है।