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अयोध्या नहीं जाएंगे लालू प्रसाद, CM की नाराजगी और सीट बंटवारा को लेकर भी कर दिया सबकुछ क्लियर

 

अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने वाली है. रामलला को उनके नवनिर्मित आवास में प्रवेश कराने के लिए अनुष्ठान और पूजन मंगलवार को यहां प्रारंभ हो गया. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र मुख्य यजमान बने. मूर्ति निर्माणस्थल पर प्रायश्चित एवं कर्म कुटी की प्रक्रिया संपन्न करवाकर रामलला के नेत्रों पर पट्टी बांध दी गई। यह पट्टी 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर खोली जाएगी. लिहाजा इस शुभ मौके पर विशिष्ट लोगों को शामिल होने के लिए न्योता भी दिया जा रहा है, जिसे लोगों ने स्वीकार भी किया है लेकिन आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने राममंदिर के न्योते पर दो टूक बयान दिया है.

दरअसल, राम मंदिर  प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर जब पत्रकारों ने सवाल किया कि- लालू जी 22 जनवरी को अयोध्या के कार्यक्रम में शामिल होंगे या नहीं? उसके बाद इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि- साफ़ -साफ़ समझ लीजिए नहीं जाएंगे.  उसके बाद लालू यादव अपने ड्राईवर को गाड़ी आगे बढ़ाने का आदेश दे दिया. हालांक, ऐसा नहीं है की इस कार्यक्रम में सिर्फ लालू नहीं शामिल होंगे बल्कि विपक्षी गठबंधन में शामिल कई अन्य पार्टी ने भी इस समारोह में शामिल होने से इनकार कर दिया है.  जबकि, कांग्रेस ने तो इसे भाजपा और आरएसएस का कार्यक्रम करार दिया है.

लालू यादव से जब सीट बंटवारा को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि- इतना जल्दी सबकुछ थोड़े न हो जाता है. सब कुछ तय समय पर हो जाएगा, आप लोगों को इतनी जल्दी क्यों है ? जबकि दूसरी तरफ जदयू के नेता और बिहार सरकार में शामिल कई मंत्री यह कह चुके हैं कि जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी सीट का बंटवारा कर लेना चाहिए.  इसमें जितना अधिक समय लग रहा है उतना आसान भाजपा के लिए हो रहा है. इसलिए इस मसले को जल्द से जल्द सुलझा लेना चाहिए.

वहीं, पत्रकारों ने जब ये पूछा कि सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा है कि सीएम नीतीश कुमार नाराज हैं. इस बार मकर संक्रांति के दिन आपने भी मुख्यमंत्री को दही का टीका नहीं लगाया. इस पर लालू प्रसाद ने सवाल को टाल दिया और कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.