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नौकरी के बदले जमीन घोटाले में लालू परिवार को बड़ी राहत, राबड़ी-मीसा और हेमा को कोर्ट से मिली नियमित जमानत

 

नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग का मामले में राउज एवेन्यु कोर्ट से लालू परिवार को बड़ी राहत मिली है. इस केस में लालू यादव की पत्नी और बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती, हेमा यादव और राजद नेता हृदयानंद चौधरी को नियमित जमानत मिली है. ये अभी तक अंतरिम जमानत पर थे. ED ने कोर्ट से कहा कि आरोपियों को शर्तों के साथ ही जमानत दी जाए. कोर्ट ने कहा कि जांच के दौरान आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है. लिहाजा, अब जमानत अर्जी स्वीकार न करने का कोई औचित्य बनता नहीं है. कोर्ट ने चारों को सशर्त जमानत दी है.

कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को अंतिम आरोप पत्र दाखिल करने के लिए 2 सप्ताह का समय दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट को बताया किया कि उसकी जांच निष्कर्ष के करीब है. सीबीआई की ओर से पेश अधिवक्ता ने अंतिम आरोपपत्र दाखिल करने के लिए सात से 10 दिन का समय देने का अनुरोध किया था. सीबीआई की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने मामले को 14 मार्च को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है. बता दें कि इस मामले में सीबीआई ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, छोटे बेटे तेजस्वी यादव, बेटी मीसा भारती, हेमा यादव के अलावा पश्चिम मध्य रेलवे (डब्ल्यूसीआर) के तत्कालीन जीएम, डब्ल्यूसीआर के दो सीपीओ, निजी व्यक्तियों, निजी कंपनी सहित 17 लोगों को आरोपित बनाया है. 

बता दें कि रेलवे में हुए कथित लैंड फॉर जॉब घोटाला मामले में लालू परिवार के पांच लोग आरोपित बनाए गए हैं. जिसमें लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मीसा भारती और हेमा यादव का नाम शामिल है. बता दें कि 27 फरवरी को भी इस मामले की सुनवाई की गयी थी. सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल करने के लिए समय मांगा. जिसपर सीबीआई को चार्जशीट दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिया है. इस मामले की सुनवाई अब 14 मार्च तक के लिए टाल दी गयी है.

गौरतलब है कि रेलवे में कथित जमीन के बदले नौकरी मामले में लालू परिवार के कई सदस्य घिरे हुए हैं. इससे पहले ईडी ने लालू यादव और तेजस्वी यादव को कई बार समन भेजा लेकिन वो हाजिर नहीं हुए. जिसके बाद ईडी के अधिकारी उनके आवास में गए और पटना स्थित ईडी कार्यालय में उपस्थित होने को कहा था. जिसपर 29 जनवरी को लालू यादव ईडी के समक्ष पेश हुए थे और उनसे इस मामले से जुड़े कई सवाल किए गए थे. लालू यादव से पूछताछ के एक दिन बाद ईडी ने पूर्व उपमुख्यमंत्री व लालू यादव के पुत्र तेजस्वी यादव को पूछताछ के लिए बुलाया था. दोनों नेताओं से पूछताछ का मैराथन दौर पूरे दिन चला था.