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“सीतामढ़ी में खिलेगा कमल”, राजनाथ सिंह ने दावे से JDU-BJP के बीच खींच जाएगी तलवार?

 

बिहार में भाजपा और जदयू एक बार फिर साथ आ गए हैं. सभी लोकसभा की तैयारियों में लग गए हैं. बिहार में सीट शेयरिंग को लेकर एनडीए में अभीतक कोई फैसला नहीं हो सका है. जो नीतीश कुमार I.N.D.I.A गठबंधन में रहते हुए लगातार सीट शेयरिंग में देरी को लेकर सवाल उठा रहे थे. वो एनडीए में आने के बाद से शांत हैं. सूत्रों की मानें तो एनडीए में सीट शेयरिंग का का फार्मूला कुछ सीटों पर उलझता दिख रहा है. इसमें से एक सीट सीतामढ़ी भी है जहाँ से अभी जदयू के सांसद हैं. लेकिन आज सीतामढ़ी के दौरे पर आए रक्षा मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता ने दावा किया है कि अब सीतामढ़ी में भी कमल खिलेगा. उनके इस दावे से जदयू और भाजपा के बीच तलवार खींच जाने की संभावना को जन्म दे दिया है.

दरअसल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज सीतामढ़ी के दौरे पर है. जहां उन्होंने माता सीता जन्म भूमि पुनौरा धाम पहुंचकर माता सीता का दर्शन किया और पूजा अर्चना की. इसके बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देश में विश्वसनीयता बढ़ी है उसको लेकर शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र बचा है जहां पर कमल का फूल नहीं खिलेगा. मां जानकी की कृपा से सीतामढ़ी में भी कमल का फूल खिलेगा.

राजनाथ सिंह के बयान इसलिए अहम हो जाता है कि सीतामढ़ी से जदयू के सुनील कुमार पिंटू सांसद है. जब जदयू महागठबंधन के साथ थी तब वो खुल कर भाजपा और पीएम मोदी की तारीफ करते थे. जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने तो उन्हें यहाँ तक कह दिया था कि  इतना ही प्रेम है तो भाजपा में चले क्यों नहीं जाते. हालांकि परिस्थितियां बदली और जदयू और भाजपा एक बार फिर से साथ आ गए हैं. बता दें कि सुनील कुमार पिंटू पहले भाजपा के विधायक थे. अब जब राजनाथ सिंह सीतामढ़ी में  कमल खिलाने की बात कर रहे हैं तो ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सुनील कुमार पिंटू भाजपा की तरफ से लड़ेंगे या कोई और? क्या जदयू ये सीट छोड़ने को तैयार होगी.

इधर जदयू नेता और बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने  पहले ही सीतामढ़ी से चुनाव लड़ने का ऐलान कर रखा है. उनका कहना है कि सीएम नीतीश कुमार से भी इसके लिए स्वीकृति मिल गई है. दिल्ली में हुई जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में भी सीतामढ़ी से देवेश चंद्र ठाकुर के चुनाव लड़ने पर मुहर लगने की बात सामने आई थी. ऐसे में राजनाथ सिंह के दावे जदयू और भाजपा में सीतामढ़ी सीट  को लेकर टकराव पैदा कर सकती है.