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मांझी ने किया बिहार में खेल का दावा, बोले- मगही में कहते हैं, 'खेला होकतो' और भोजपुरी में 'खेला होखी'

 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एनडीए में जाने की चर्चा तेज है. आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजभवन पहुंचे हैं. इस मुलाक़ात को लेकर कई सियासी सवाल आ रहे हैं। हालांकि, इससे पहले बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कह चुके हैं कि ऐसी कोई भी बात नहीं है सबकुछ सही है और हमलोग एक साथ चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन अब पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने एक पोस्ट किया है. जिसके बाद बिहार की सियासत और भी गरम हो गई है. इस पोस्ट के बाद कई तरह की आशंका जताई जा रही है. 

बिहार के पूर्व सीएम और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी लगातार इस बात का दावा कर रहे हैं कि बिहार में बड़ा खेल होने वाला है. पिछले दिनों मांझी ने तख्ता पलट का दावा किया था. अब एक बार फिर जीतन राम मांझी ने इशारों ही इशारों में बिहार मे बड़े खेल की बात कही है.

जीतन राम मांझी ने बांग्ला, मगही और भोजपी में खेला होबे का मतलब समझाया है और कहा है कि बाकी तो सभी लोग समझदार हैं. मांझी ने एक्स पर लिखा, बंगला में कहतें हैं, “खेला होबे” मगही में कहतें हैं, “खेला होकतो” भोजपुरी में कहतें हैं, “खेला होखी” बाकी तो आप खुद ही समझदार हैं…। मांझी ने इशारों ही इशारों में बिहार में बड़े खेल की संभावना जताई है.

बिहार में सियासी मकर संक्रांति संपन्न हो चुकी है. अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा भी हो चुकी है. अब सबकी नजर बिहार पर है. जहां सियासी उठापटक की संभावना जताई जा रही है. पिछले कुछ दिनों से इस बात की चर्चा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी के बीच नजदीकियां बढ़ने लगी है. पिछले दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पहली बार नीतीश कुमार की वापसी पर सकारात्मक संदेश दिया था. हालांकि जेडीयू के बड़े नेता ऐसी किसी भी संभावना से इंकार करते रहते हैं. 

पुर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा भी नीतीश कुमार को लेकर पिछले कुछ दिनों से सॉफ्ट नजर आए हैं. एनडीए में सीएम की वापसी पर स्वागत करने को भी तैयार हैं. ऐसे में मांझी का पोस्ट काफी अहम हो जाता है. 

वहीं, सियासी गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि इंडिया गठबंधन का संयोजक नहीं बनाए जाने से नीतीश कुमार नाराज हैं. हालांकि पिछली बैठक में उनके नाम का प्रस्ताव भा रखा गया था लेकिन अंतिम वक्त में मामला गड़बड़ा गया और सीएम ने खुद ही इंनकार कर दिया. इधर, ये भी चर्चा है कि आरजेडी और उनके कोटे के मेत्रियों के तौर तरीकों से भी मुख्यमंत्री नाराज हैं. केके पाठक से तनातनी के कारण ही पिछले दिनों चंद्रशेखर से शिक्षा विभाग छीन लिया गया था.