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तेजस्वी का नाम सुनकर भड़के मांझी, बोले- आप लोग जानकर बुझ कर उसको पॉपुलर बनाना चाहते हैं

 

 गया में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने सोमवार को तेजस्वी यादव पर जमकर निशाना साधा. बीपीएससी छात्रों के आंदोलन पर तेजस्वी यादव के जरिए प्रशांत किशोर को बीजेपी की बी टीम पर उन्होंने कहा कि आप लोग जानकर बुझ कर तेजस्वी यादव को पॉपुलर बनाना चाहते हैं. तेजस्वी यादव की बातों का हमलोग कोई केयर करते हैं? किसको बी टीम बना देंगे किसको सी टीम बना देंगे, उससे क्या मतलब है?

मांझी ने कहा कि 912 केंद्र था 911 में कोई गड़बड़ी नहीं हुई. कई केंद्र पर साबित नहीं हुआ कि कोई गड़बड़ी हुई है. जिस परीक्षा केंद्र की परीक्षा रद्द हुई, वहां परीक्षा लेने की तैयारी चल रही है. एक परीक्षा केंद्र के चलते 911 परीक्षा केंद्र के 3 लाख बच्चे का भविष्य बर्बाद किया जाए. यह कहां का औचित्य है. इसमें कोई आगे बढ़कर बात करता है तो हम समझते हैं कि वह राजनीति करता है. 5 से 6 हजार बच्चे ऐसा कर रहे हैं, अब 3 लाख बच्चे सड़क पर आ जाएंगे तब राज्य की क्या हालत होगी.

छात्र किसी के दबाव में यह आंदोलन कर रहे हैं, अगर परीक्षा का अवसर नहीं दिया जाता तो एक बात भी थी. परीक्षा की तिथि की घोषणा की गई है, परीक्षा में शामिल हों. प्रशांत किशोर पर प्राथमिकी दर्ज मामले पर कहा कि यह उचित हुआ है सरकार के काम में बाधा डाल रहे थे, दूसरे ढंग से उत्साहित कर रहे थे. सोचना चाहिए था कि सरकार का स्टैंड ठीक है. इसमें सरकार गलत नहीं कर रही है.

अखिलेश यादव के यूपी के सीएम आवास में भी शिवलिंग के बयान पर कहा कि किसी की आस्था पर अठखेली नहीं करना चाहिए. हिंदुस्तान सर्व धर्म संभाव का मामला है. यहां सभी जाति, धर्म और संस्कृति के लोग रहते हैं. सबका अपना पूजा पाठ करने का तरीका है. वहां शिवलिंग है, ऐसा कहकर इस बात को वह नकार नहीं सकते है कि बहुत सा मस्जिद ऐसा बना हुआ है, जो मंदिर को तोड़ कर या मंदिर के अवशेष पर बना है.

हेमंत विश्वशर्मा के पूरे देश में यूसीसी लागू करने के सवाल पर कहा कि आचार संहिता और सिविल कोड का मामला है. कानून की दृष्टि में सब एक, तो एक देश में एक कानून होना चाहिए. एक देश में 4 कानून नहीं चलेगा. अगर वह चलेगा तो देश विखंडित हो जाएगा. देश को विखंडन से बचाने के लिए एक ही उपाय है कि देश में एक कानून चलेगा. 

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष ने अंग्रेजी नववर्ष पर फतवा जारी किया कि युवक युवतियां नहीं मनाए यह इस्लाम के विरुद्ध है. इस मामले पर उन्होंने कहा कि इसमें उनकी अपनी आस्था है. वह माने या नहीं माने. हम भी चैत का प्रथम महीना होता है, जिसे नया संवत मनाते हैं. लोग एक जनवरी को नव वर्ष मनाते हैं, तो हम इसका विरोध नहीं करते हैं. इसमें अपनी अपनी बात है. इसमें किसी कोई कहना या कटाक्ष करना उचित नहीं है. लोगों की इच्छा है तो हम दबाना नहीं चाहते है. स्वतंत्रता में सबको अपना अधिकार है.