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विधानसभा में जमीन पर बैठे विधायक, बनाया शैडो सदन, महबूब आलम चेयर पर बैठकर स्पीकर बने

 

विधानसभा में आज चौथे दिन भी विपक्ष ने नीतीश सरकार (Nitish Government) के विरुद्ध मुँह पे काली पट्टी लगाकर जबरदस्त हंगामा किया। कल पटना में यूथ कांग्रेस द्वारा मार्च निकाला गया था जिसमें हंगामे के दौरान पुलिस की तरफ़ से कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पिटाई की गई थी। उसी को लेकर आज विधानसभा में सभी कांग्रेस विधायक अपने अपने मुँह पे काली पट्टी लगाकर नीतीश सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, भ्रष्टाचार जैसे तमाम मुद्दों को लेकर सदन के अंदर भी विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा किया। बिहार विधानसभा कार्यवाही के दौरान विपक्षी दल के नेता सदन के वेल में धरने पर बैठ गये। 

कांग्रेस विधायक प्रतिमा कुमारी और राजेश राम ने बताया कि बिहार सरकार निरंकुश सरकार हो गई है। हम जनता के मुद्दे पर आवाज नहीं उठा सकते हैं क्या? कल जिस तरह रोड पर युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया, वह अन्याय है। यह मौलिक अधिकार का हनन है। क्या लॉ एंड ऑर्डर पर बात करना अपराध है। कांग्रेस विधायक ने कहा कि हमलोग बिहार सरकार बर्बरतापूर्ण कदम का विरोध करते हैं। इसलिए आज हमलोग मुंह पर काली पट्टी दिखाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

अध्यक्ष ने कहा कि आप अपनी-अपनी जगह पर जाइए, तब आपकी बात को सुनूंगा। इतने पर भी बात नहीं बनी तो सीएम नीतीश कुमार उठकर चले गए। उनके जाने के क्रम मे विपक्ष फिर शोर मचाने लगा, हालांकि कार्रवाई के डर से सदन के अंदर किसी ने भी काली पट्टी नहीं लगा रखी है। इसके बाद विपक्षी दलों ने विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी के सामने वेल में ‘अपनी विधानसभा’ खुद की। इसमें महबूब आलम अध्यक्षता करने लगे। विपक्षी विधायक वहीं जमीन पर बैठ गए, जबकि कुछ खड़े होकर इस सभा में शामिल हो गए। विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव के बार-बार कहने पर भी यह बंद नहीं हुआ।