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MLC डॉ. संजीव कुमार सिंह ने CM नीतीश को लिखा खत, अतिथि शिक्षकों के लिए की बड़ी मांग

 

बिहार विधान परिषद के सदस्य डॉ. संजीव कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने बिहार के विश्वविद्यालयों में स्वीकृत रिक्त पदों के विरूद्ध कार्यरत अतिथि शिक्षकों / प्राध्यापकों की सेवा शर्तों में आवश्यक संशोधन करने की मांग की है। उनका कहना है कि बिहार सरकार के संकल्प संख्या 1594 दिनांक 20.08.2014 द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग तथा बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा स्थायी शिक्षक / प्राध्यापक की नियुक्ति हेतु निर्धारित अर्हता, पात्रता, योग्यता तथा आरक्षण नियमावली का पालन करते हुए राज्य के पारंपरिक विश्वविद्यालयों में स्वीकृत रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों / प्राध्यापकों की नियुक्ति की गई है। अनुभव आधारित इन शिक्षकों / प्राध्यापकों के सुरक्षित भविष्य हेतु सेवाशर्तों में आवश्यक संशोधन करते हुए इनकी सेवानिवृत्ति की आयु सीमा 65 वर्ष किया जाना उचित प्रतीत होता है। लेकिन वर्षों से सेवा दे रहे इन शिक्षकों / प्राध्यापकों द्वारा गुणवत्तापूर्व शिक्षण कार्य किया जा रहा है। इतने वर्षों की सेवा देने के बाद भी इन्हें बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया में प्राथमिकता नहीं दिये जाने से ये निराश एवं हताश हैं।

उनका कहना है कि अन्य राज्यों जैसे झारखंड, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा एवं पश्चिम बंगाल में वर्षों से स्वीकृत रिक्त पद पर कार्यरत अतिथि शिक्षकों की सेवा नियमितीकरण की गई है। पूर्व में बिहार में भी अस्थायी शिक्षकों / प्राध्यापकों की सेवा नियमितीकरण करते हुए स्थायी शिक्षक / प्राध्यापक का दर्जा दिया गया है। बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग के माध्यम से वर्ष 2018 से ही नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है लेकिन कतिपय कारणों से ससमय नियुक्तियां नहीं होने और शिक्षकों/ प्राध्यापकों की लगातार सेवानिवृत्ति से छात्र-छात्राओं का अध्ययन-अध्यापन कार्य बाधित हो रहा है।

इसलिए उन्होंने मांग की है कि  राज्य सरकार की आरक्षण नियमावली के तहत स्वीकृत रिक्त पद पर नियुक्त अतिथि शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा पैंसठ (65) वर्ष निर्धारित करते हुए ऐसे शिक्षकों / प्राध्यापकों को "मानदेय / शैक्षणिक घंटी आधारित नीति के साथ-साथ नियमित नियुक्ति के साथ ही सेवा समाप्ति की नीति को संशोधित करते हुए स्थायी शिक्षकों की भांति कार्य दिवस आधारित वेतन प्रावधानित करते हुए सेवा नियमितीकरण हेतु शिक्षा विभाग को निर्देश दिया जाए।