MLC उपचुनाव के लिए NDA उम्मीदवार ललन प्रसाद ने किया नामांकन, सीएम नीतीश और दोनों डिप्टी सीएम समेत NDA के बड़े नेता रहे मौजूद
बिहार विधान परिषद की एक सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में जदयू प्रत्याशी ललन प्रसाद ने गुरुवार को नामांकन दाखिल किया. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दोनों उप मुख्यमंत्रियों सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा सहित एनडीए के अन्य नेताओं की मौजूदगी में ललन प्रसाद ने विधानमंडल पहुंचकर नामांकन दाखिल किया.
आरजेडी एमएलसी रहे सुनील कुमार सिंह पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने और मिमिक्री करने आरोप लगा था. उनकी MLC की सदस्यता रद्द कर दी गई. अब 23 जनवरी को इस सीट पर उपचुनाव के लिए वोटिंग है.
52 साल के ललन प्रसाद शेखपुरा जिले के 2001 से 2005 तक घाट कुसुंबा प्रखंड के जेडीयू अध्यक्ष रहे. ललन प्रसाद को सीएम नीतीश के करीबी नेता के रूप में जाना जाता है. वहीं वर्ष 2009 से 2013 तक शेखपुरा में जेडीयू के जिला उपाध्यक्ष भी रहे. शेखपुरा में जदयू को मजबूत करने के लिए वे जदयू के शुरुआती दौर से ही सक्रिय रहे हैं. खासकर नीतीश कुमार के नजदीकी के तौर पर इलाके में उनकी पहचान रही है.
ललन प्रसाद धानुक जाति से आते हैं. बिहार में धानुक वर्ग से आने वाले प्रभावशाली राजनेताओं की संख्या फ़िलहाल बेहद कम है. वहीं कुर्मी और धानुक को एक ही वर्ग की दो उपजातियां भी कहा जाता है. ऐसे में नीतीश कुमार ने धानुक जाति की एक बड़ी शिकायत को दूर करने की कोशिश के तहत ललन प्रसाद को अब उम्मीदवार बनाकर इस जाति के साथ ही अति पिछड़ा वर्ग को अपने लिए गोलबंद करने की बड़ी पहल की है.
आरजेडी एमएलसी सुनील कुमार सिंह पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने और मिमिक्री करने आरोप लगा था. इसे लेकर विधान परिषद की आचार समिति ने बड़ा फैसला लिया था. जुलाई 2024 में सभापति को आचार समिति अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी. इसमें एमएलसी पर लगाए गए आरोपों को सही करार दिया गया और अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा कर उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी.
विधानसभा कोटे की सीट होने के कारण संख्याबल के गणित से राजग के खाते में यह सीट जाना तय है. राजग के पास निर्दलीय लेकर 131 विधायक (मत) हैं. वहीं, आइएनडीआइए (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) के पास 111 विधायक हैं. एआइएमआइएम (आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन) का एक विधायक है.