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निशांत ने गिनाईं पिता नीतीश कुमार की उपलब्धियां, बोले- पिता जी ने अच्छा काम किया, विकास किया, जनता का भला किया

 
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार ने राजनीति, विकास, रोजगार, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और जातीय जनगणना जैसे अहम मुद्दों पर खुलकर बात की. उन्होंने इस दौरान अपने पिता के शासन मॉडल की ना सिर्फ प्रशंसा की बल्कि आंकड़ों के आधार पर यह भी बताया कि राज्य में किस तरह जमीनी स्तर पर ठोस काम हुए हैं
पिता के काम की सराहना करते हुए निशांत ने कहा, "पिता जी ने अच्छा काम किया है, विकास किया, जनता का भला किया और जितना हो सकता था, सब किया." जातीय जनगणना पर उन्होंने एक महत्वपूर्ण तथ्य साझा करते हुए कहा कि वर्ष 1994 में नीतीश कुमार ने संसद में इस विषय को पहली बार उठाया था. इसके बाद कई बार इस मुद्दे को दोहराया.अब जब केंद्र सरकार ने इसे लागू करने का निर्णय लिया है, तो उन्होंने इसे अच्छा फैसला बताया.
निशांत कुमार ने कहा कि 2020 में 20 लाख रोजगार देने का वादा किया गया था, लेकिन अब तक 24 लाख रोजगार दिए जा चुके हैं. चुनाव से पहले और 14 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है. इस तरह यह आंकड़ा 50 लाख तक पहुंच सकता है. सरकारी नौकरी की बात करें तो 2005 से 2020 के बीच 8 लाख नौकरियां दी गईं. 2020 के चुनावी वादे के अनुसार 10 लाख नई सरकारी नौकरियों में से अब तक 9.35 लाख दी जा चुकी हैं. संभावना है कि यह आंकड़ा चुनाव से पहले 12 लाख तक पहुंच जाएगा. 
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व निवेश हुआ है. वर्ष 2024-25 के बजट में 60 हजार करोड़ रुपये सिर्फ शिक्षा पर खर्च किए जा रहे हैं, जो कुल बजट का लगभग 20% है. राज्य में लॉ यूनिवर्सिटी, आईआईटी और आईआईएम जैसे उच्च शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना भी इसी प्रयास का हिस्सा हैं. स्वास्थ्य सेवाओं में भी व्यापक सुधार हुए हैं. पीएमसीएच और आईजीआईएमएस जैसे बड़े संस्थानों को अपग्रेड किया गया है. राज्य में कई सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल्स बनाए गए हैं.
मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए निशांत ने कहा कि 2006 में पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं को 50 फीसद आरक्षण दिया. 2013 में महिला पुलिसकर्मियों को 35 फीसद आरक्षण मिला. 2016 में सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 फीसद आरक्षण लागू किया गया. इसके अतिरिक्त, सड़कों, फ्लाईओवर्स और ऊर्जा के क्षेत्र में भी राज्य सरकार ने उल्लेखनीय काम किए हैं. 
एक सवाल के जवाब में निशांत कुमार ने तेजस्वी यादव को "छोटा भाई" बताते हुए निजी रिश्तों को राजनीतिक मतभेदों से ऊपर रखा. यह बयान स्पष्ट संकेत देता है कि बिहार की राजनीति में मतभिन्नता होने के बावजूद पारिवारिक भावनाएं आज भी जीवित हैं.