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नित्यानंद को मिली मांझी की जिम्मेदारी, विधायकों को लेकर विधानसभा पहुंचे, शाह ने की थी बात

 

बिहार में फ्लोर टेस्ट के कुछ घंटे बचे हैं. इसका काउन्ट डाउन शुरू हो गया है. राज्य में सियासत चरम पर है. सभी राजनीतिक गठबंधनों की धड़कनें तेज हैं. नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार की किस्मत का फैसला हो जाएगा. महागठबंधन को भी अपनी ताकत का अंदाजा मिल जाएगा. तेजस्वी यह समझ जाएंगे कि खेला करने के उनके दावे की सच्चाई क्या थी. आज ही बिहार का बड़ा सियासी सस्पेंस खत्म हो जाएगा.

फ्लोर टेस्ट में शामिल होने के लिए हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी भी अपने चारों विधायकों को साथ लेकर विधानसभा पहुंचे हैं. खास बात यह है कि मांझी और उनके विधायकों को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद अपने साथ लेकर विधानसभा पहुंचे.

दरअसल, चार विधायकों के बल पर बिहार की सत्ता में सहयोगी बनी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा एक और मंत्री पद की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बना रही थी. जीतन राम मांझी लगातार कह रहे थे कि एक रोटी से उनका पेट नहीं भरने वाला है और पेट भरने के लिए कम से कम दो रोटी की जरूरत है. इसी बीच माले के दो विधायकों की मांझी से मुलाकात के बाद उनके पलटी मारने की संभावना प्रबल हो गई थी, हालांकि बाद में जीतन राम मांझी ने साफ किया कि वे एनडीए के साथ हैं और आगे भी रहेंगे.

फ्लोर टेस्ट से एक दिन पहले आरजेडी और कांग्रेस द्वारा लगातार ऑफर देने की बात सामने आ रही थी. मांझी का मन नहीं डोले इसके लिए खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दो-दो बार जीतन राम मांझी से फोन पर बात की और आखिरकार मांझी मान गए. मांझी को विधानसभा तक पहुंचाने का जिम्मा अमित शाह ने गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय को दे रखा था. नित्यानंद राय जीतन राम मांझी और उनके चारों विधायकों को लेकर विधानसभा पहुंचे हैं.