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नीतीश सबके हैं तो नौकरी सबके लिए क्यों नहीं? स्वास्थ्य विभाग की वैकेंसी में सवर्ण के लिए एक भी पद नहीं

 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर कहा जाता है कि 'नीतीश सबके हैं.' नीतीश जाति- धर्म से ऊपर उठकर सभी के लिए काम करते हैं. वहीं बिहार सरकार में शामिल भाजपा का भी 'सबका साथ , सबका विकास और सबका विश्वास' का नारा लगाती है. लेकिन इन सब दावों की पोल बिहार स्वास्थ्य विभाग में निकली एक भर्ती में खुल गई है. जिसमें सवर्णों की बड़े पैमाने पर अनदेखी हुई है. सवर्ण अभ्यर्थियों के लिए एक भी पद इस वैकेंसी में नहीं रखी गई हैं. जिसको लेकर बिहार सरकार के खिलाफ सवर्णों में आक्रोश है.

दरअसल बिहार सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में  4500 पदों पर बहाली निकाली है. यह बहाली कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर  के पद के लिए होनी है. जिसमें अनारक्षित वर्ग(सवर्ण) के लिए एक भी सीट नहीं है. इसके बाद जनरल अभ्यर्थियों ने पूरे बिहार में सरकार के खिलाफ विरोध जाताना शुरू कर दिया है. कल पूरे दिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बिहार सरकार ट्रेंडिंग में रहा.  #justice4genral लिखा गया.

बता दें कि जिन 4500 पदों पर बहाली निकाली गई है. उसमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 1345, अत्यंत पिछड़ा वर्ग महिला के लिए 331, पिछड़ा वर्ग के लिए 702, पिछड़ा वर्ग महिला के लिए 259, अनुसूचित जाति के लिए 1279, अनुसूचित जाति महिला के लिए 230 और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 223 पद रखे हैं. लेकिन अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए एक भी सीट नहीं है.