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राजभवन पहुंचे नीतीश कुमार, तेजस्वी ने बनाई दूरी, राज्यपाल ने हाई टी पार्टी पर बुलाया

 

बिहार की राजनीति में उठाकपटक देखने को मिल सकती है. बिहार की सियासत में बड़ा होने जा रहा है. आज 26 जनवरी के कार्यक्रम में CM नीतीश कुमार और डिप्टी CM तेजस्वी यादव डेढ़ घंटे साथ रहे, लेकिन दोनों ने आपस में बात नहीं की. इससे पहले गुरुवार को कैबिनेट मीटिंग में भी दोनों नेताओं की तल्खी नजर आई थी.

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सीएम, मंत्री, विधायक और अफसरों को टी पार्टी पर बुलाया है. नीतीश राजभवन पहुंच गए हैं. अभी तक डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और मंत्री तेज प्रताप नहीं पहुंचे हैं. जानकारी के मुताबिक तेजस्वी यादव को भी निमंत्रण मिला था. 

बिहार के मुख्यमंत्री गणतंत्र दिवस के मौके पर लंच में हिस्सा लेने के लिए राजभवन पहुंचे हैं. बिहार में फिलहाल सियासी कंफ्यूजन चल रहा है कि नीतीश कुमार कौन सा निर्णय लेने वाले हैं. ऐसी अटकलें हैं कि नीतीश कुमार रविवार को बीजेपी के सपोर्ट से फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.

राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात की. गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित हाईटी पार्टी में शामिल होने के लिए डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव राजभवन अभी नहीं पहुंचे है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बगल की कुर्सी पर मंत्री अशोक चौधरी बैठे हुए हैं. वही पास में बीजेपी नेता विजय कुमार सिन्हा बैठे हुए है. तीनों नेता आपस में बातचीत कर रहे हैं. तेजस्वी यादव के नाम की पर्ची कुर्सी पर लगी थी. उस पर्ची को मंत्री अशोक चौधरी ने हटा दिया है और उस कुर्सी पर खुद बैठ गये हैं.

इधर ये खबर सामने आई कि RJD ने पूर्व CM जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन को डिप्टी CM का ऑफर दिया है. लेकिन संतोष ने मीडिया में आकर कहा कि कोई बात नहीं हुई. मोदी के साथ हैं. बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि राजनीति में किसी के लिए दरवाजे परमानेंट बंद नहीं होते. अगर बंद होता है तो खुलता भी है.

 बिहार के मौजूदा राजनीतिक हालात पर बीजेपी विधायक तारकिशोर प्रसाद ने कहा, ''कल बिहार बीजेपी के कुछ नेताओं को बैठक के लिए बुलाया गया था और लोकसभा चुनाव पर चर्चा हुई. बीजेपी बिहार की बेहतरी और देश के विकास के लिए फैसले लेती है'' उन्होंने कहा कि राजनीति में दरवाजे कभी बंद नहीं होते. पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व वही फैसला लेगा जो बिहार के हित में होगा.

आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि जो चल रहा है, या जो आप (मीडिया) चला रहे हैं. वो सब देख रहा है. 9 अगस्त 2022 को जब गठबंधन बना तो उसकी नींव मोदी जी की तानाशाही के खिलाफ थी. फिलहाल जो हालात है, उससे एक असमंजस की स्थिति बन गई है. मैं मुख्यमंत्री से गुजारिश करूंगा कि जो भी संशय है, वो आज शाम तक दूर कर दें.