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कर्पूरी ठाकुर को 'भारत रत्न' मिलने पर नीतीश बोले- थैंक्यू पीएम, तेजस्वी बोले- हमारी मांग पूरी हुई, मांझी बोले- सबका सपना पूरा होगा

 

 बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को मंगलवार की देर रात भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किए जाने का फैसला सरकार ने लिया है. भारत सरकार के इस फैसले के बाद बिहार में सियासी हलचल तेज हो गई है. 

सीएम नीतीश कुमार ने कर्पूरी ठाकुर को लेकर किए गए पोस्ट में लिखा- 'पूर्व मुख्यमंत्री और महान समाजवादी नेता स्व. कर्पूरी ठाकुर को देश का सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' दिया जाना हार्दिक प्रसन्नता का विषय है. केंद्र सरकार का यह अच्छा निर्णय है. कर्पूरी ठाकुर को उनकी 100वीं जयंती पर दिया जाने वाला यह सर्वोच्च सम्मान दलितों, वंचितों और उपेक्षित तबको के बीच सकारात्मक भाव पैदा करेगा. हम हमेशा से ही कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ देने की मांग करते हैं. वर्षों की पुरानी मांग आज पूरी हुई है. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद।'

वहीं डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि “बिहार विधानसभा के शताब्दी वर्ष समारोह में हमने आदरणीय प्रधानमंत्री जी के समक्ष जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न देकर देश के किसी भी प्रधानमंत्री के बिहार विधानसभा में प्रथम आगमन को और अधिक यादगार बनाने की माँग रखी थी।”

जबकि लालू यादव ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का फैसला डर की राजनीति बताया. उन्होंने कहा कि “मेरे राजनीतिक और वैचारिक गुरु स्व॰ कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न अब से बहुत पहले मिलना चाहिए था. हमने सदन से लेकर सड़क तक ये आवाज़ उठायी लेकिन केंद्र सरकार तब जागी जब सामाजिक सरोकार की मौजूदा #बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना करवाई और आरक्षण का दायरा बहुजन हितार्थ बढ़ाया. डर ही सही राजनीति को दलित बहुजन सरोकार पर आना ही होगा.”

हालांकि लालू यादव के कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिलाने के दावे की पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने हवा निकाल दी. पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि “लालू जी UPA सरकार में 10 साल थे, उस वक्त वह इतने शक्तिशाली थे कि अगर चाहते तो खुद को भी “भारत रत्न” की उपाधि से सम्मानित करवा सकतें थें,पर कुछ नहीं किया. खैर मोदी हैं ना, सबका सपना पूरा होगा, पर्वत पुरुष दशरथ मांझी एवं डॉ श्रीकृष्ण सिंह भी सम्मानित होगे क्योंकि मोदी है तो मुमकिन है.”