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बिना दही के टीका लगाए राबड़ी आवास से लौटे नीतीश, लालू से रिश्ते में है खटास?

 

बिहार में पर्व-त्यौहार के समय भी सियासत के कई दांव-पेंच चलते रहते हैं. इसमें मकरसंक्रांति का त्यौहार भी है जिसमें दही-चूड़ा का भोज सियासी जायके को बदल देता है. इसबार भी दही-चूड़ा का भोज चर्चाओं में है. 4 साल बाद राबड़ी आवास पर दही-चूड़ा का भोज का आयोजन हुआ. जिसमें सीएम नीतीश कुमार भी शामिल हुए. नीतीश कुमार बिना दही का टीका लगाए राबड़ी आवास से निकल गए. इसके कई सियासी मायने निकले जा रहे हैं. बड़ा सवाल ये है कि क्या नीतीश कुमार और लालू यादव ले रिश्तों में खटास है?

नीतीश के माथे पर नहीं लगा टीका

दरअसल, दही के टीके को लेकर इसलिए सवाल उठ रहे हैं क्योंकि इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था.  2016 और 2017 में महागठबंधन में रहते हुए, नीतीश कुमार दही-चूड़ा भोज में शामिल होने राबड़ी आवास पहुंचे थे. दोनों बार लालू यादव ने दही का टीका लगाकर नीतीश कुमार को आशीर्वाद दिया था. लेकिन 2024 में ये नजारा देखने को नहीं मिला. पिछले कुछ समय से लगातार ऐसी चर्चा भी है कि जदयू और राजद के बीच सबकुछ ठीक नहीं है. हालांकि आज डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने इस चर्चा को सिरे से ख़ारिज किया है.

लालू-नीतीश में दूरी?

दही-चूड़ा भोज की जो तस्वीर सामने आई है उसको लेकर भी सवाल खड़े हो रहे. तस्वीर में बिहार विधान सभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के साथ एक सोफे पर नीतीश कुमार चुपचाप दही-चूड़ा खाते दिखे. वही बगल के सोफे पर लालू यादव बैठे दिखे. लालू-नीतीश के बीच बहुत हल्की-फुल्की बात हुई. लेकिन पहले  की तरह न तो लालू ने नीतीश को गले लगाया और ना टीका. नीतीश कुमार भी सिर्फ 10 मिनट तक राबड़ी आवास पर रुके और फिर वहां से निकल गए. बता दें कि नीतीश कुमार आखिरी बार लालू यादव से मिलने राबड़ी आवास पिछले साल 16 अक्टूबर को गए थे. वहीं 3 नवंबर को लालू यादव, तेजस्वी यादव के साथ सीएम आवास पहुंचे थे और नीतीश कुमार से मुलाकात की थी.