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बिहार में तीसरे चरण के चुनाव के 42 उम्मीदवारों का नामांकन रद्द, जानें वजह

 

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में बिहार की 5 लोकसभा सीटों चुनाव होना है। जिसके लिए 42 उम्मीदवारों के दाखिल किए गए नामांकन पत्रों की जांच के दौरान रद्द कर दिया गया है। अररिया में सबसे ज्यादा 20 उम्मीदवारों का नामांकन रद्द हो गया है। तीसरे चरण में अररिया के अलावा सुपौल, मधेपुरा, झंझापुर और खगड़िया में चुनाव है। चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि नामांकन पत्र में अधूरी जानकारी, शपथ पत्र नहीं लगाने या चुनाव अधिकारी के सामने प्रस्तावक को पेश नहीं करने जैसी वजहों से ये नॉमिनेशन कैंसिल हुई हैं। अररिया के डीएम इनायत खान ने कहा कि अररिया सीट के लिए 29 कैंडिडेट ने 40 सेट में नामांकन किया था। कैंडिडेट या उनके प्रतिनिधियों के समक्ष नॉमिनेशन पेपर की जांच की गई और पर्चा खारिज करने से पहले सबको एक मौका दिया गया।

झंझारपुर और मधेपुरा सीट पर 7-7, सुपौल सीट पर 5 और खगड़िया सीट पर 3 कैंडिडेट का नामांकन पत्र रद्द हो गया है। तीसरे चरण में अब कुल 54 उम्मीदवार मैदान में हैं। सोमवार को नाम वापसी का आखिरी दिन है और अगर इनमें कोई अपना नाम वापस नहीं लेता है तो इन सबका लड़ना तय है। जिन कैंडिडेट का पर्चा खारिज हुआ है उनमें ज्यादातर निर्दलीय लड़ रहे थे। बिहार में के तीन चरणों में अब तक का यह सबसे ज्यादा रिजेक्शन है। पहले चरण में 33 कैंडिडेट का पर्चा रद्द हुआ था जिसमें औरंगाबाद में 12, नवादा में 9, गया में 7 और जमुई में 5 शामिल थे। गया में एक कैंडिडेट ने पर्चा वापस ले लिया था जिसके बाद 19 अप्रैल को मतदान में 38 कैंडिडेट बचे थे।

दूसरे चरण के मतदान के लिए कुल 31 नामांकन रद्द हुए थे। इसमें कटिहार में 10, बांका में 9, भागलपुर में 8 और पूर्णिया में 4 थे। किशनगंज इकलौती सीट है जिस सीट पर कोई नामांकन रद्द नहीं हुआ। किशनगंज में 15 कैंडिडेट लड़ रहे हैं जिस सीट पर 2009 से लगातार कांग्रेस जीत रही है। दूसरे चरण में पांच लोगों ने नाम वापस लिया जिसके बाद कुल 50 कैंडिडेट मैदान में हैं जिनकी किस्मत का फैसला 26 अप्रैल को होगा।