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कांग्रेस की प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में पप्पू यादव की एंट्री, बिहार राजनीति में नया समीकरण?

 
कांग्रेस की प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में पप्पू यादव की एंट्री, बिहार राजनीति में नया समीकरण?

Bihar Politics: पटना के सदाकत आश्रम में गुरुवार को बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी (BPCC) की प्रदेश चुनाव समिति की अहम बैठक हुई। इस बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति और उम्मीदवारों के चयन को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। लेकिन सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहे निर्दलीय सांसद पप्पू यादव, जिनकी मौजूदगी ने कांग्रेस खेमे के साथ-साथ पूरे राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा दी।

कांग्रेस में नई भूमिका में पप्पू यादव

अब तक कांग्रेस के साथ सहयोगी की तरह सक्रिय रहने वाले पप्पू यादव को इस बैठक में प्रमुख नेताओं के साथ समान मंच और बराबर की कुर्सी मिली। यह इशारा साफ है कि उन्हें अब संगठन में नीतिगत भूमिका दी जा रही है। लंबे समय से यह सवाल उठता रहा कि कांग्रेस में उनके योगदान के बावजूद उन्हें उचित मान-सम्मान क्यों नहीं मिल रहा, लेकिन इस बैठक ने तस्वीर साफ कर दी है कि वे अब पार्टी में एक “नए रूप” में उभर सकते हैं।

कौन-कौन रहे मौजूद?

बैठक में कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्ल्वारू, राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह, बीपीसीसी अध्यक्ष राजेश राम, विधायक दल के नेता शकील अहमद खान, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे। साथ ही, पार्टी के फ्रंटल संगठनों के प्रमुख, सांसद, विधायक, विधान पार्षद और बिहार सचिवों ने भी भाग लिया।
कुल 39 सदस्यों वाली चुनाव समिति ने इस बैठक में संभावित उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग और रणनीति पर विस्तार से चर्चा की। यह चुनाव समिति की पहली बैठक थी, जिसमें आगामी चुनाव का खाका खींचने की कोशिश की गई।

क्यों अहम है यह बैठक?

यह बैठक कांग्रेस के चुनावी मूड और आक्रामक रणनीति को साफ तौर पर दिखाती है। पप्पू यादव की मौजूदगी से पार्टी को स्थानीय स्तर पर सशक्त चेहरा मिल सकता है, वहीं दिल्ली में हाईकमान से तालमेल बनाकर संगठन को मजबूती देने की कोशिश भी की जा रही है।
राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि कांग्रेस इस बार बिहार चुनाव में “कोई ढिलाई नहीं” बरतना चाहती। एक तरफ पार्टी पुराने सहयोगियों से तालमेल साधने में जुटी है, तो दूसरी तरफ स्थानीय प्रभावशाली नेताओं को सामने कर रही है ताकि जनता तक पकड़ मजबूत की जा सके।

टिकट वितरण पर गहन चर्चा

सूत्रों के अनुसार, उम्मीदवारों के चयन में इस बार लोकप्रियता, सामाजिक समीकरण और जीत की संभावना को सबसे बड़ा आधार बनाया गया है। 19 सितंबर को दिल्ली में होने वाली स्क्रीनिंग कमिटी की बैठक में पहले चरण के उम्मीदवारों के नाम लगभग तय हो जाएंगे।

24 सितंबर को ऐतिहासिक CWC बैठक

बैठक का महत्व और बढ़ जाता है क्योंकि कांग्रेस की कार्यसमिति (CWC) की बैठक पहली बार बिहार में आयोजित हो रही है। 24 सितंबर को पटना में होने वाली इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और कई शीर्ष नेता शामिल होंगे। इसमें मतदाता सूची में गड़बड़ी, वोट चोरी और SIR (Special Intensive Revision) जैसे गंभीर मुद्दों पर चर्चा होने वाली है।