पवन सिंह-खेसारी यादव की तेजस्वी से मुलाकात, चुनावी समीकरणों में नया ट्विस्ट, किस ओर जाएगा वोटों का तूफ़ान?
Patna: बिहार की सियासत इस वक्त न तो घोषणापत्र पर अटकी है और न ही गठबंधनों पर, बल्कि चर्चा का सबसे बड़ा विषय बन गया है भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के स्टार्स का राजनीतिक गलियारों में कदम रखना। हाल ही में भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह और खेसारी लाल यादव ने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात की। दोनों ही मुलाकातों को कलाकारों ने शिष्टाचार बताया, लेकिन सवाल यही उठ रहा है कि जब विधानसभा चुनाव करीब हों, तो क्या वाकई ये मुलाकातें सिर्फ़ इत्तेफ़ाक़ होती हैं?
पवन सिंह और खेसारी का 'शिष्टाचार'
पहले पवन सिंह ने कहा था कि उनकी मुलाकात महज़ औपचारिक थी। अब खेसारी लाल यादव ने भी यही दोहराया, “हम सब एक ही मिट्टी से जुड़े हैं, इसमें राजनीति खोजने की ज़रूरत नहीं।”
लेकिन बिहार की सियासत इतनी सीधी भी नहीं। राजनीतिक हलकों का मानना है कि इन बैठकों के पीछे ज़रूर कोई गहरी चाल है।


भोजपुरी का वोट बैंक
भोजपुरी सिनेमा का असर बिहार और झारखंड में किसी से छिपा नहीं है।
- लाखों-करोड़ों की फैन फॉलोइंग
- ग्रामीण और युवा वोटरों पर गहरी पकड़
- एक गाना भी भीड़ को अपनी ओर खींच लेता है
ऐसे में अगर तेजस्वी यादव चुनाव प्रचार में इन सितारों को उतारते हैं, तो RJD को बड़ी ताक़त मिल सकती है।
NDA की टेंशन
दूसरी ओर NDA भी चुप बैठने के मूड में नहीं।
- पवन सिंह पहले से ही बीजेपी के क़रीब रहे हैं और चुनाव लड़ चुके हैं।
- खेसारी लाल यादव का नाम भी कई बार राजनीतिक दावों से जुड़ चुका है।
अब जब दोनों की तस्वीरें तेजस्वी के साथ सामने आई हैं, तो बीजेपी खेमे में बेचैनी साफ देखी जा रही है।
नया मोहरा या सिर्फ़ शिष्टाचार?
बिहार की राजनीति में फिल्मी सितारों का इस्तेमाल नया नहीं है, लेकिन इस बार मामला अलग दिख रहा है। वजह है भोजपुरी इंडस्ट्री का सबसे बड़ा स्टारपावर सीधे तेजस्वी यादव से जुड़ना।
यह सचमुच सिर्फ़ शिष्टाचार है या चुनावी शतरंज पर रखा गया नया मोहरा, यह तो आने वाला वक्त बताएगा।
जनता का सवाल
फ़िलहाल इतना तय है कि इन मुलाकातों ने बिहार के राजनीतिक तापमान को और बढ़ा दिया है। अब जनता का सबसे बड़ा सवाल यही है, भोजपुरी सितारे किसका आसमान रोशन करेंगे—तेजस्वी का या बीजेपी का?







