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मांझी के बयान से सियासी हलचल तेज, RJD ने दे दिया साथ आने का ऑफर

 

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले जहां इंडिया गठबंधन में खींतचान की खबरें आ रही थीं वहीं अब ऐसा लग रहा है कि एनडीए में भी सब कुछ ठीक नहीं है. केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के बयान से तो यही संकेत मिल रहा है. दरअसल, जहानाबाद में एक रैली के दौरान मांझी का दर्द छलका था. झारखंड के बाद अब दिल्ली के चुनाव में एक भी सीट नहीं मिलने पर उन्होंने यह कहा है कि हमें धोखा दिया गया, लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव में ये धोखा नहीं चलने वाला. मांझी के बयान के बाद बिहार की राजनीति में बवाल मच गया है.

सोमवार (20 जनवरी) को इस पर अलग-अलग दलों की ओर से इस पर प्रतिक्रिया आई है. जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि मांझी का अपमान कौन कर सकता है. एनडीए में औकात दिखाने की जरूरत नहीं. वहीं आरजेडी ने तो जीतन राम मांझी को ऑफर तक दे दिया है कि एनडीए छोड़कर सम्मान की लड़ाई लड़िए.

जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने मांझी के बयान पर कहा कि बिहार में मां-पिता पालन पोषण अधिनियम लागू है. यहां कोई भी बुजुर्ग व्यक्ति को अपमानित नहीं कर सकता. सीएम नीतीश कुमार के रहते अपमान कैसे संभव है? मांझी की पार्टी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल है बिहार के मंत्रिमंडल में भी शामिल है.

नीरज कुमार ने कहा कि एनडीए के जिला स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सहित जिले के नेता भाग ले रहे हैं. एनडीए में कहीं कोई दरार नहीं बल्कि करार है 2025 में फिर से नीतीश. इसमें 'हम' पार्टी की भी साझेदारी है. हालांकि जेडीयू नेता ने कहा कि दूसरे राज्यों में जीतन मांझी को सीटें क्यों नहीं मिलीं इस संदर्भ में हम कुछ नहीं कह सकते. यह भी कहा कि गठबंधन में औकात दिखाने की जरूरत किसी को नहीं पड़ेगी. 

बीजेपी ने जीतन राम मांझी और उनकी पार्टी को एनडीए का परिवार कहा है. बीजेपी के प्रवक्ता कुंतल कृष्णा ने कहा कि एनडीए एक परिवार है और परिवार के लोग ही चुनाव लड़ते हैं. दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार को उखाड़कर फेंकना है. वहां किसी भी दल का उम्मीदवार हो वह एनडीए के सभी दल के उम्मीदवार हैं इसीलिए इस मामले का कोई मतलब नहीं है और हम लोग एक परिवार की तरह हैं.

दूसरी ओर आरजेडी नेता और पार्टी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जीतन राम मांझी एक अनुभवी नेता हैं. उन्हें भारतीय जनता पार्टी का चाल चरित्र पता होना चाहिए. मांझी जिस समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं वह उन्हें कभी माफ नहीं करेगा. अपने केंद्रीय मंत्री बनने के लिए अपमान सह रहे हैं. आपकी (मांझी) हैसियत और औकात बीजेपी ने बता दी. अब आप रो रहे हैं. आप कुर्सी को लात मारिए और जो लड़ाई तेजस्वी यादव दलित शोषित वंचित के लिए लड़ रहे हैं उसमें भाग लीजिए.

जीतन राम मांझी के महागठबंधन में आने के सवाल पर मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि लालू यूनिवर्सिटी से ही जीतन राम मांझी निकले हैं. जीतन राम मांझी को तय करना है कि आगे क्या करेंगे. बीजेपी ने अपने सहयोगियों को ही तोड़ा और ठगा है. मांझी क्यों चक्कर में पड़े हुए हैं उनकी पार्टी को बीजेपी तोड़ देगी.

बता दें कि केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी और जेडीयू को आंख दिखाने की कोशिश की है. सवाल यह है कि अगर बिहार विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ये हालत है तो विधानसभा चुनाव के समय मांझी की पार्टी क्या करेगी?