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प्रशांत किशोर ने भरी सत्ता परिवर्तन की हुंकार, बोले- रोटी को पलटोगे नहीं तो जल जाएगी

 

जनसुराज यात्रा में लगे प्रशांत किशोर हमेशा ही बिहार के सीएम नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू यादव पर हमलावर रहते हैं. इनदिनों उनकी पदयात्रा बेगुसराय जिले में चल रही है. जहां मंगलवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने लोगों से बिहार में सत्ता परिवर्तन कारने की बात कही. उनके मुताबिक सत्ता परिवर्तन ना होने से बिहार पिछड़ता जा रहा है. इसके लिए उन्होंने दक्षिण के राज्यों का उदहारण भी दिया. 

प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में समस्या ये है कि जिन लोगों ने 1990 में लालू जी को पकड़ लिया, अब उन्हीं का गमछा लेकर अभी तक चले जा रहे हैं. चाहे उनके बच्चे बर्बाद हो गए, दो पीढ़ियां बर्बाद हो गई, चाहे जाति के नाम पर या किसी के नाम पर न छोड़े. प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि नीतीश कुमार ने पहले टर्म में अच्छा किया, दूसरा टर्म भी ठीक-ठाक रहा, लेकिन अब अच्छा काम नहीं कर रहे तो उन्हें हराना चाहिए.

प्रशांत किशोर ने कहा कि प्रकृति का नियम है कि परिवर्तन जरूरी है. उसी पर लोकतंत्र की बुनियाद है. बिहार जैसे राज्य में हमने उस बुनियाद को ही हिला दिया है. दक्षिण के जो राज्य हैं केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना आदि आज के नजरिए से आगे के राज्य हैं. इन राज्यों में कोई भी नेता आजतक 10 वर्ष से ज्यादा मुख्यमंत्री नहीं बन पाया है. ये देश के अगले राज्य हैं, जो देश के सबसे पिछड़े राज्य हैं. वहां मुख्यमंत्री 10, 15 और 20 साल तक बने हुए हैं. क्योंकि जनता ने परिवर्तन किया ही नहीं.

प्रशांत किशोर ने कहा कि 5 वर्षों का नियम क्यों बनाया गया है कि आप जिस विचारधारा, जिस नेता पर भरोसा करें उसे अवसर दीजिए, वोट दीजिए और जिताइए. लेकिन, वो भरोसा, वो मदद 5 वर्षों के लिए है. जीवनभर की बंधुआ-मजदूरी नहीं है. 5 वर्षों में उन्होंने काम किया तो उनके साथ खड़े रहिए और काम नहीं किया तो उसी ताकत के साथ उसका विरोध कीजिए. उन्होंने कहा कि बिहार में 2011 से पहले आधे से ज्यादा लोग मोदी जी का नाम नहीं जानते थे. आज गांव-गांव में लोगों ने ऐसा पकड़ लिया है कि लोगों को लगता है कि मोदी जी आएंगे तो हमारा कल्याण हो जाएगा.

प्रशांत किशोर ने कहा कि जब तक आप रोटी को पलटोगे नहीं तो वो जल जाएगी. वही स्थिति बिहार में है, लोग रोटी को पलट इसलिए नहीं पा रहे हैं क्योंकि कोई राजनीतिक विकल्प उन्हें दिख नहीं रहा है. उन्होंने कहा कि इस बार मुखिया चुनाव में 80 फीसदी सिटिंग मुखिया और 90 फीसदी वार्ड सदस्य चुनाव हारे हैं. विधायक-सांसद में बदलाव इसलिए नहीं हो रहा है क्योंकि लोगों को वहां विकल्प दिख नहीं रहा है. जिस दिन वहां विकल्प दिखेगा, बदलाव वहां भी होगा.

प्रशांत किशोर ने दावा करते हुए कहा कि 80 फीसदी विधायक व सांसद हारेंगे, आप लिख कर रखिए. जिस नीतीश कुमार को बिहार की जनता ने पहले टर्म के बाद 117 विधायक को जिताया था, आज घटाकर 42 पर ला दिया कि नहीं ला दिया. उन्होंने कहा कि अगर, जाति पर ही सब चलता तो 2010 में नीतीश कुमार और एनडीए का गठबंधन था, उस वक्त 206 सीटें मिली थी. इस बार भी तो गठबंधन बनाया जिसमें 125 सीटें भी नहीं मिल रही. सिर्फ जाति से बात नहीं बन सकती है. जनता के पास विकल्प आने दीजिए फिर बदलाव देखिए.