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बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू, मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्य होगा महत्वपूर्ण

 

बिहार विधानसभा का कार्यकाल नवंबर 2025 तक है। लेकिन निर्वाचन विभाग ने विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। इस बार मतदाता पुनरीक्षण का कार्य महत्वपूर्ण होगा। विधानसभा चुनाव के लिए मतदान केंद्रों की संख्या इसी सूची के आधार पर तय होगी। बड़ी संभावना है कि हर विधानसभा क्षेत्र में बूथ बदले जाएंगे। नए भी बनेंगे।

आयोग, एक जनवरी 2025 को कट ऑफ डेट मानकर मतदाता सूची तैयार कर रहा है। यानी एक जनवरी को जो 18 साल के हो जाएंगे, उनका नाम वोटर लिस्ट में जुड़ जाएगा। निर्वाचन विभाग की ओर से सभी निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी को बीएलओ के साथ नियमित बैठक कर लगातार समीक्षा का निर्देश दिया गया है।

इसके साथ ही लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक और सबसे कम मतदान प्रतिशत वाले मतदान केंद्रों का अध्ययन निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (ईआरओ) और सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (एईआरओ) कर रहे हैं। इनका काम उन कारणों का पता लगाना है, जिससे कम वोटिंग हुई।

सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव के दौरान सबसे कम और सबसे अधिक मतदान वाले बूथों को चिन्हित कर सर्वे किया जा रहा है। ऐसे बूथों पर रिपोर्ट के आधार पर विशेष कार्रवाई होगी।
वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने-सुधार का काम 2 चरणों में

पहला चरण : 20 अगस्त से शुरू हुआ है। 18 अक्टूबर तक चलेगा। इस दौरान सभी बीएलओ के माध्यम से घर-घर जाकर मतदाता का सत्यापन, मतदान केंद्रों को चिह्नित करने, एपिक में गड़बड़ियों को दूर करने के साथ धुंधली तस्वीर में सुधार करना है।

इसके तहत परिवार के सदस्यों का नाम एक ही प्रभाग में दर्ज करने, मतदाताओं की मतदान केंद्र से दूरी 2 किमी से कम रखने, मृत और दोहरीकरण प्रविष्टियों को हटाने, छूटे और भावी मतदाताओं का नाम जोड़ने सहित अन्य कार्रवाई होगी। बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के द्वारा 2 नवम्बर, 3 नवम्बर, 23 नवम्बर और 24 नवम्बर को विशेष अभियान की तारीख निर्धारित की गई है।

दूसरा चरण : प्रारूप प्रकाशन के बाद होगा। दावा-आपत्तियों का 24 दिसंबर तक निष्पादन किया जाएगा। 6 जनवरी को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा।