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पुराने का सम्मान और नए का स्वागत, पारस के इस्तीफे पर विजय सिन्हा की दो टूक

 

एनडीए में एक भी लोकसभा सीट न मिलने से नाराज आरएलजेपी के अध्यक्ष  पशुपति पारस ने आज केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने एनडीए  में उनके और उनकी पार्टी के साथ अन्याय का आरोप भी लगाया है. पारस के फैसले के बाद से बिहार की राजनीति चरम पर है. बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. उनका कहना है कि भारतीय जनता पार्टी सबका साथ, सबका विकास करती है. युवा नेतृत्व को आगे बढ़ाती है. हमारी पार्टी पुराने का सम्मान और नए का स्वागत करती है. पशुपति पारस को पता है कि उनका सम्मान सिर्फ एनडीए में ही है.

विजय सिन्हा ने कहा कि अभिभावकों को युवाओं को आशीर्वाद मिलते रहना चाहिए. एनडीए में पुराने का सम्मान और नए का स्वागत है. पशुपति पारस देर सबेर एनडीए के साथ ही रहेंगे. पीएम मोदी उन्हें सम्मान देते रहे हैं.  क्योंकि उन्हें पता है राजद नेतृत्व वाला महागठबंधन डूबती नाव है. जिसमें बैठकर कोई भी राजनीतिक आत्महत्या नहीं करेगा. पूरे देश और बिहार में मोदी लहर चल रही है. सब चाहते हैं भ्रष्टाचार मुक्त भारत बने, चार जातियों का विकास हो, महिलाओं, गरीबों को उनका हक मिले.

वहीं अगर पशुपति पारस के अकेले चुनाव लड़ते हैं तो इस सवाल पर उन्होने कहा कि मालिक जनता है, जनता निर्णय लेती है. नेता के आने-जाने से फर्फ पड़ता तो बहुत लीडर चुनाव के वक्त इधर-उधर जाते हैं. लेकिन जनता मन बना चुकी है कि राष्ट्र का जिसने सम्मान बढ़ाया है. 140 करोड़ जनता जिसका परिवार है, उसका आशीर्वाद पहले भी मिलता आया है. और अब आगामीबी लोकसभा चुनाव में ही मिलेगा.

दरअसल बिहार में एनडीए के सीट बंटवारे में  युवा चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (आर) को 5 सीटें मिली है. और इनमें से 4 सीटें वहीं हैं। जिनके सांसद पारस की पार्टी के हैं. वहीं पारस खाली हाथ रह गए हैं. बीजेपी के इस फैसले से माना जा रहा है युवा चिराग पर भरोसा जताया गया है. वहीं सीटों के मामले में पशुपति पारस को साइडलाइन कर दिया गया है.