मनचाहे और समीकरण के आधार पर सीट नही मिलने से नाराज हुए रालोमो अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा
Bihar news: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले फेज की वोटिंग में अब सिर्फ 25 दिन ही बाकी हैं, लेकिन एनडीए में सीट शेयरिंग नहीं हो पाई है।रालोमो अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के ऐन टाइम पर नाराज होने से मामला फंस गया है। लेकिन उपेंद्र कुशवाहा यूं ही नाराज नहीं हुए हैं। दरअसल उन्हें ऐसी सीटें ऑफर की गई हैं, जिस पर उनका समीकरण कहीं से फिट नहीं बैठ रहा है। अब ऐसे में कोई भी क्या करेगा? जानिए वो कौन सी विधानसभा सीटें हैं जो कुशवाहा को ऑफर की गई हैं।
पहली सीट- सासाराम विधानसभा
राष्ट्रीय लोक मोर्चा को सासाराम विधानसभा से चुनाव लड़ने को कहा गया है। यह सीट राजद की सीटिंग सीट है। यहां से राजद के राजेश गुप्ता ने जदयू के अशोक कुमार कुशवाहा को हराया था। 2015 विधानसभा चुनाव की बात करें तो राजद से ही अशोक कुमार कुशवाहा ने जीत दर्ज की थी। तब भाजपा के जवाहर प्रसाद को हार का सामना करना पड़ा था। साल 2005 से 2010 तक यह सीटी भाजपा के पास थी।
दूसरी सीट- ओबरा विधानसभा
रालोमो को दूसरी सीट ओबरा विधानसभा की दी गई है। यह सीट भी राजद की सीटिंग सीट है। यहां से RJD के ऋषि यादव विधायक हैं। इन्होंने 2020 में लगभग 53 हजार के वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। साल 2015 में राजद के वीरेंद्र सिंह ने आरएलएसपी (उपेंद्र कुशवाहा की पहली पार्टी) के चंद्रभूषण को हराया था।
तीसरी सीट- दिनारा विधानसभा
यह चर्चा है कि राष्ट्रीय लोक मोर्चा को दिनारा विधानसभा से लड़ने का ऑफर मिला है। यह सीट भी राजद की ही सीटिंग सीट है। 2020 में राजद के विजय मंडल ने यहां लोजपा के राजेंद्र सिंह को हराया था। जेडीयू तो यहां तीसरे स्थान पर रही थी। 2015 के विधानसभा चुनाव में यह सीट जदयू के जय कुमार सिंह ने जीती थी। पर यह वह समय था जब राजद और जदयू साथ साथ महागठबंधन में थे।
चौथी सीट- बाजपट्टी विधानसभा
बाजपट्टी विधानसभा भी राजद की सीटिंग सीट है। 2020 के चुनाव में राजद के मुकेश यादव ने जेडीयू की रंजू गीता को हराया था। 2015 में भी यह सीट महागठबंधन के खाते में ही रही। यह दीगर बात है कि तब यह सीट जदयू की रंजू गीता ने निकाली थी। तब उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी की उम्मीदवार रेखा देवी को हार का सामना करना पड़ा था।
पांचवी सीट- उजियारपुर विधानसभा
उजियारपुर विधानसभा से भी राजद के सीटिंग विधायक हैं। तब राजद के आलोक मेहता ने भाजपा के शील कुमार राय को लगभग 23 हजार मतों के अंतर से हराया था। 2015 के विधानसभा चुनाव में राजद के आलोक कुमार मेहता ने आरएलएसपी के कुमार कांत को हराया था।
छठी सीट- मधुबनी विधानसभा
मधुबनी विधानसभा भी राजद की सीटिंग सीट है। यहां से राजद के समीर कुमार महासेठ विधायक हैं। इन्होंने वीआईपी के सुमन महासेठ को हराया था। 2015 में भी राजद के समीर महासेठ ने भाजपा के रामदेव महतो को हराया था। तब जदयू और राजद महागठबंधन में थे।







