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जमुई में सांसद की तलाश! ‘लापता’ पोस्टरों से गूंजा इलाका, जनता बोली- दो साल से दिखे ही नहीं अरुण भारती

 
जमुई में सांसद की तलाश! ‘लापता’ पोस्टरों से गूंजा इलाका, जनता बोली- दो साल से दिखे ही नहीं अरुण भारती

Bihar political update: जमुई में इन दिनों एक अजीब-सा माहौल है। मुद्दा किसी अपराध या आपदा का नहीं, बल्कि खुद इलाके के सांसद का है। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के जीजा और जमुई से सांसद अरुण भारती को लेकर जनता का गुस्सा अब खुलकर सड़कों पर उतर आया है। हालात ऐसे बन गए हैं कि ग्रामीणों ने सांसद को “लापता” बताते हुए जगह-जगह पोस्टर चिपका दिए हैं।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि लोकसभा चुनाव को करीब दो साल बीत चुके हैं, लेकिन इस दौरान सांसद अरुण भारती का जमुई से नाता लगभग टूट सा गया है। जनता का कहना है कि इन दो वर्षों में वे गिने-चुने दिनों के लिए ही जमुई आए हैं। हालात यह रहे कि हालिया विधानसभा चुनाव के दौरान भी वे महज एक घंटे के लिए ही क्षेत्र में दिखाई दिए।

एबीवीपी जमुई के नगर मंत्री अभिनय दुबे ने कई सार्वजनिक स्थानों पर ‘लापता सांसद’ के पोस्टर लगाते हुए तीखा सवाल उठाया-“जो अपने क्षेत्र में दिखते ही नहीं, वे जमुई का विकास कैसे करेंगे?” उनका कहना है कि सांसद ने चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे किए थे, यहां तक कहा था कि जमुई में ही जमीन लेकर बसेंगे, लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल उलट है।

ग्रामीणों का आक्रोश यहीं नहीं थम रहा। लोगों का कहना है कि जब जमुई ने उन्हें अपना बेटा मानकर चुना, तो सांसद का कर्तव्य था कि वे जनता के बीच रहें। हैरानी की बात यह है कि उनकी ही पार्टी के कार्यकर्ता अब टॉर्च लेकर सांसद को “ढूंढने” की बात कर रहे हैं। जनता में यह धारणा भी बन रही है कि सांसद का व्यवहार ऐसा है मानो वे खुद केंद्रीय मंत्री हों, जबकि क्षेत्र की समस्याओं से उनका सीधा सरोकार खत्म हो चुका है।

स्थानीय लोगों ने साफ चेतावनी दी है कि अगर सांसद जल्द जनता के बीच नहीं आए और समस्याओं को नहीं सुना, तो विरोध और तेज होगा। पुतला दहन तक की बात कही जा रही है। दिलचस्प यह भी है कि दबी जुबान में खुद उनके समर्थक और कार्यकर्ता भी इस कार्यशैली से असंतोष जता रहे हैं।

अब सवाल साफ है, क्या जमुई के सांसद अरुण भारती जनता की आवाज सुनेंगे, या फिर ‘लापता’ सांसद की यह तलाश और तेज होती जाएगी? जमुई की निगाहें अब इसी जवाब पर टिकी हैं।