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बिहार विधानसभा में गरमाया 'SIR' मुद्दा: तेजस्वी-नीतीश के बीच तीखी तकरार, मुख्यमंत्री बोले- "तुम तो अब भी बच्चे हो!"

 
tejashwi or nitish kumar

Bihar Vidhansabha Monsoon Satra: बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र इस बार खासा गरम होता दिख रहा है। तीसरे दिन सदन के भीतर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच जोरदार बहस हुई। मामला था विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया को लेकर उठे सवालों का, लेकिन चर्चा धीरे-धीरे व्यक्तिगत कटाक्ष और राजनीतिक कटघरे में तब्दील हो गई।

तेजस्वी का हमला: "क्या नीतीश जी फर्जी तरीके से सीएम बने?"

अपने संबोधन के दौरान तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा, “हम SIR का विरोध नहीं कर रहे हैं, हम चुनाव आयोग की गलत प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं। अगर 2003 से यही प्रक्रिया चली आ रही है तो क्या अब तक हुए चुनाव फर्जी थे? क्या नीतीश जी फर्जी तरीके से मुख्यमंत्री बने? क्या मैं फर्जी तरीके से विधायक बना हूं?” तेजस्वी ने आगे कहा कि उनके पिता लालू प्रसाद यादव हमेशा कहते रहे हैं, “वोट का राज, छोट का राज''। इसलिए इस मुद्दे पर सदन के भीतर खुली चर्चा होनी चाहिए।

नीतीश का पलटवार: "तुम्हारे माता-पिता मुख्यमंत्री थे, लेकिन... तुम तो अब भी बच्चे हो!"

तेजस्वी के सवालों से भड़के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी कुर्सी से उठते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने तेजस्वी को घेरते हुए कहा, “तुम्हारे माता-पिता भी मुख्यमंत्री रहे हैं, लेकिन पहले क्या हाल था? हम लोग आप लोगों को साथ लिए थे, लेकिन जब देखा कि ठीक नहीं कर रहे तो साथ छोड़ दिए। तुम्हें क्या समझ है? तुम तो अभी भी बच्चे हो।” मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके, उन्होंने तेजस्वी की बातों को ‘उल्टा-सीधा बोलना’ करार देते हुए कहा कि महिलाओं के लिए उनकी सरकार ने ऐतिहासिक काम किया है और चुनाव के समय जनता सब देखेगी।

नीतीश का कटाक्ष कहा- दवा का असर खत्म हो गया क्या? 

सदन में मौजूद आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र के एक कटाक्ष पर मुख्यमंत्री ने भी चुटकी ली और कहा,“दवा का असर खत्म हो गया क्या?” इस पर सदन में कुछ देर के लिए ठहाके गूंज उठे, लेकिन राजनीतिक तल्खी बनी रही।

इस विवाद से जुड़ा दूसरा बड़ा अपडेट: तेज प्रताप की चुप्पी चर्चा में, तेजस्वी अकेले मोर्चे पर

तेजस्वी यादव जहां एसआईआर मुद्दे को लेकर सीधे सीएम से भिड़े, वहीं उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव सदन में चुपचाप बैठे रहे। सबसे खास बात यह रही कि विपक्ष के सदस्य जहां काले कपड़े पहनकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तेज प्रताप सफेद कुर्ते में नजर आए। उनके इस अलग तेवर को लेकर कई राजनीतिक अर्थ निकाले जा रहे हैं।
विपक्षी खेमे में अंदरूनी मतभेद की अटकलें फिर से जोर पकड़ने लगी हैं। क्या राजद के भीतर ही रणनीतिक असहमति है? या फिर यह महज एक ‘इमेज पॉलिटिक्स’ का हिस्सा?

राजनीतिक विश्लेषण: मॉनसून सत्र बना चुनावी ट्रेलर

आपको बता दें कि, इस बहस ने यह साफ कर दिया है कि 2025 के चुनावी रण की बिसात अब विधानसभा के भीतर से ही बिछने लगी है। तेजस्वी यादव जहां युवा तेवर के साथ 'प्रक्रिया की पारदर्शिता' की बात कर रहे हैं, वहीं नीतीश कुमार अपने 2005 के बाद के ट्रैक रिकॉर्ड को ढाल बनाकर जवाबी हमला कर रहे हैं। वहीं, अब जनता की नजरें अब इस बात पर टिक गई हैं कि क्या यह बहस चुनावी मुद्दा बनेगी या सियासत का एक और शोर बनकर रह जाएगी।