ट्रैफिक डीएसपी आदिल बिलाल की गिरफ्तारी नहीं होने पर भड़के सुधाकर सिंह, बोले- निरंकुश सरकार और पुलिसिया दमन का नमूना है
बिहार के सासाराम का बादल हत्याकांड पिछले कई दिनों से चर्चा में है. इस हत्याकांड का आरोप ट्रैफिक डीएसपी मोहम्मद आदिल बिलाल पर लगा है, जिन्हें बिहार पुलिस विभाग ने छुट्टी पर भेज दिया है. इस मामले की जांच अब सीआईडी को सौंप दी गई है. राज्य के श्रम संसाधन मंत्री संतोष सिंह ने इस मामले में डीजीपी से बात की है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने कहा कि आरोपी चाहे कोई भी हो, वो बचेगा नहीं. उन्होंने ये भी कहा कि अगर डीएसपी दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें कानून के तहत सजा जरूर मिलेगी.
अब पड़ित परिवार से मिलने पहुंचे आरजेडी सांसद सुधाकर सिंह ने रोहतास गोलीकांड को निरंकुश सरकार और पुलिसिया दमन का नमूना बताया है।
उन्होंने कहा कि एक दुर्दांत पुलिस अधिकारी अपने सरकारी हनक एवं पागलपन में निर्दोष नौजवान की हत्या कर देता है, लेकिन घटना के आठ दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिससे प्रतीत होता है कि इस पूरे मामले में भाजपा के लोग शामिल हैं और इसे रफा दफा करना चाहते हैं।
वहीं पुलिस अधिकारी को बचाने के सवाल पर सुधाकर सिंह ने कहा कि जब एक पुलिस अधिकारी पर निर्दोष युवक की हत्या का आरोप है और इस बात को दर्ज एफआईआर में भी स्वीकार किया गया है तो समझ में नहीं आता की पुलिस इसमें क्या जांच करेगी।
आरजेडी सांसद ने कहा कि पूरे मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए थी और जब तक न्यायिक फैसला नहीं आ जाता तब तक पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर जेल भेजा जाना चाहिए। विरोधियों पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने जुल्म किया अब वही न्याय के लिए आ रहे हैं। अगर सरकार के लोग दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के बाद परिजनों से मिलते आते तो लगता कि वाकई इन्हें हमदर्दी है, लेकिन सरकार इस पूरे मामले में लीपापोती कर रही है।
सुधाकर सिंह ने कहा कि बिहार में राक्षस और रावण राज चल रहा है। पहले अपराधी लोगों को गोली मारते थे लेकिन अब सत्ता के तंत्र द्वारा हीं लोगों को गोली मारी जा रही है। सुधाकर सिंह के अनुसार 13 दिन शोक का समय होता है इसलिए 13 दिन के अंदर न्याय होना चाहिए अन्यथा इसके बाद सासाराम में विशाल विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। बता दें कि राजद सांसद सुधाकर सिंह शुक्रवार को शिवसागर प्रखंड के सिलारी गांव में बादल हत्याकांड के पीड़ितों से मिलने उनके गांव पहुंचे थे।