आ गई सुनील सिंह और विशाल सिंह के महा-मुकाबले की डेट, 9 मार्च को बिस्कोमान अध्यक्ष का चुनाव

बिहार में सहकारिता क्षेत्र की सबसे बड़ी संस्था बिस्कोमान के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव 9 मार्च को होगा। इस चुनाव में दो दशक से लगातार बिस्कोमान के अध्यक्ष रहे राष्ट्रीय जनता दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई सुनील सिंह के दबदबे की अग्निपरीक्षा होगी। सुनील सिंह की पत्नी बंदना सिंह अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने जा रही हैं। भाजपा नेता विशाल सिंह सहकारिता क्षेत्र में अपने परिवार के वर्चस्व को वापस हासिल करने के लिए बिस्कोमान के अध्यक्ष पद पर नजर गड़ाए बैठे हैं। चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक 8 मार्च को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन होगा जबकि 9 मार्च को पटना डीएम के दफ्तर में मतदान होगा। पटना डीएम इस चुनाव के रिटर्निंग अफसर हैं।
बिस्कोमान अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव में कुल 21 वोटर हैं जो इसके निदेशक मंडल सदस्य होते हैं। इन 21 निदेशकों में 17 चुनाव से आते हैं जबकि 4 को मनोनीत डायरेक्टर होते हैं। जनवरी में निदेशक मंडल का चुनाव कराया गया था जिसमें सुनील सिंह की पत्नी बंदना सिंह और विशाल सिंह समेत 17 लोग जीते थे। निदेशक मंडल के चुनाव के बाद सुनील सिंह और विशाल सिंह गुट ने जीत का दावा किया था लेकिन असल में किसके पास बहुमत है, अब चुनाव के बाद पता चलेगा।

लालू यादव और राबड़ी देवी के करीबी सुनील सिंह लंबे समय से मुसीबत में हैं। अगस्त 2022 में उनके घर सीबीआई ने छापा मारा था। पिछले साल जुलाई में उन्हें केंद्र सरकार ने बिस्कोमान के अध्यक्ष पद से हटाकर अगले चुनाव तक एक आईएएस अफसर को प्रशासक बना दिया था। उसी महीने उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नकल उतारने के आरोप में विधान परिषद से भी बर्खास्त कर दिया गया था जिस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अब जाकर राहत दी है। सुनील सिंह परिषद में अपनी सदस्यता बहाली के लिए पत्र पर पत्र लिख रहे हैं लेकिन अभी तक कुछ हुआ नहीं है।
विशाल सिंह सहकारिता क्षेत्र के बड़े कद्दावर परिवार की तीसरी पीढ़ी हैं। विशाल के दादा तपेश्वर सिंह बिस्कोमान के संस्थापकों में से एक थे। विशाल के पिता अजित सिंह को-ऑपरेटिव सेक्टर के दिग्गज नेता रहे हैं और लंबे समय तक भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारिता संघ (एनसीसीएफ) के अध्यक्ष रहे। अजित सिंह सांसद रहे और एक सड़क दुर्घटना में उनकी मौत के बाद उनकी पत्नी मीना सिंह भी सांसद बनीं। भाजपा नेता और पूर्व सांसद ब्रज भूषण शरण सिंह विशाल के ससुर हैं। विशाल दो साल पहले निर्विरोध एनसीसीएफ के अध्यक्ष चुने गए थे और तब सुनील सिंह भी उनके समर्थन में थे।