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सुशील मोदी का नीतीश सरकार से सवाल, रिकार्ड नौकरी रोजगार देने के दावे झूठे, बतायें कि 17 महीने में किस विभाग में कितने लोगों को नई नौकरी मिली

 

राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने सबसे ज्यादा नौकरियां देने और इतिहास रचने के बिहार ‌सरकार के बड़बोले दावे को चुनौती देते हुए कहा कि इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री श्वेत पत्र जारी कर बतायें कि 17 महीने में किस विभाग में कितने लोगों को नई नौकरी मिली.

उन्होंने कहा कि सरकार 2.17 लाख शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने का दावा करती है,‌जबकि अधिकतम एक लाख नए शिक्षकों की बहाली हुई.‌50 हजार शिक्षक बाहरी हैं और 50 हजार ऐसे, जो पहले से नियुक्त थे, लेकिन दोबारा नियुक्ति पत्र दिया गया. सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार की भाजपा-जदयू गठबंधन सरकार के समय सबसे ज्यादा 3.5 लाख शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी, लेकिन तब हमने न कोई बड़बोला दावा किया, न सामूहिक फोटो सेशन कराया था.

उन्होंने कहा कि जो सरकार कैबिनेट की पहली बैठक में 10‌ लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने वाली थी, उसका 17 महीने बाद 3.6 लाख नौकरी और 5 लाख रोजगार देने का दावा भी फर्जी है. इस पर सरकार को पूरा ब्यौरा जारी करना चाहिए.

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अक्टूबर 2023 में जब सिपाही भर्ती परीक्षा हुई थी, तब सैंकड़ों केंद्रों पर पेपर लीक होने के कारण परीक्षा रद कर दी गई थी.‌ अब तक पता नहीं है कि दोबारा नियुक्ति परीक्षा कब होगी.
उन्होंने कहा कि पेपर लीक प्रकरण के दो महीने बाद केंद्रीय चयन परिषद् के अध्यक्ष एस के सिंघल‌ को हटाकर शोभा अहोतकर को यह पद दिया गया, लेकिन सिंघल पर क्या आरोप थे और पेपर लीक होने में उनकी क्या संलिप्तता थी. सरकार सिपाही भर्ती परीक्षा को लेकर गंभीर नहीं है.‌

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में डेढ़ साल से 1.5 लाख नौकरी देने का प्रचार किया जा रहा है, लेकिन अब तक इसका पता नहीं है.‌ पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को एनडीए सरकार के समय भी नौकरियां दी गईं, लेकिन प्रचार ऐसे किया जा रहा है, जैसे यह सब पहली बार होगा. सरकार नौकरियां और रोजगार देने में विफलता पर पर्दा डालने के लिए झूठे दावे कर रही है.