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तेजस्वी का चिराग और नीतीश पर अटैक, बोले- BJP को समर्थन दे रहे क्षेत्रीय दल बिना रीढ़ के हड्डी के सिद्धांतहीन लोग’

 

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता और बिहार के पूर्व-उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जनगणना में सभी जातियों की गिनती के मसले पर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के अध्यक्ष व सीएम नीतीश कुमार और लोक जनशक्ति पार्टी- रामविलास के अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को बिना रीढ़ की हड्डी वाले सिद्धांतविहीन लोग करार दिया है। केंद्र सरकार द्वारा जनगणना की तैयारी की हलचल के बीच जातियों की गिनती करने पर राजनीति तेज है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंजूरी के बाद जनगणना शुरू होगी जो 2021 से लंबित है। अनुमान है कि शुरू होने के बाद इसमें लगभग डेढ़ साल का समय लगेगा और आंकड़े मार्च 2026 तक सामने आ सकते हैं।

जाति जनगणना के मसले पर मंगलवार की सुबह तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक लंबे ट्वीट में अपने पिता का हवाला देते हुए लिखा है कि आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव शुरू से जनगणना में जातियों की गिनती के पैरोकार रहे हैं। तेजस्वी ने कहा है कि लालू जब जनता दल के अध्यक्ष थे तो 1996-97 में संयुक्त मोर्चा सरकार ने जनगणना में जातियों को गिनने का फैसला कर दिया था लेकिन 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने निर्णय पलट दिया। तेजस्वी यादव ने याद दिलाया है कि एनडीए की उस सरकार में नीतीश कुमार मंत्री थे।

तेजस्वी ने 2011 की जनगणना से पहले की राजनीति की चर्चा करते हुए कहा कि 2010 में लालू यादव समेत कई समाजवादी सांसदों ने संसद में इस मसले को पुरजोर तरीके से उठाया था और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा जातिगत गणना/ सामाजिक आर्थिक सर्वे को मंजूरी देने के बाद ही सदन को चलने दिया था। तेजस्वी ने कहा कि एनडीए और भाजपा की सरकार 2021 की जनगणना नहीं कराई जबकि बिहार में 17 महीने चली महागठबंधन सरकार ने कम समय में ही जाति आधारित गणना कराकर जातियों की हिस्सेदारी के अनुपात में आरक्षण भी बढ़ा दिया।

तेजस्वी ने लिखा है कि अगर मोदी सरकार जातिगत जनगणना नहीं कराती है तो वंचित, उपेक्षित, उत्पीड़ित और उपहासित वर्गों के लोग भाजपाइयों को क्षेत्र में घुसने नहीं देंगे। तेजस्वी ने कहा कि विपक्ष मोदी सरकार को जातिगत जनगणना कराने के लिए मजबूर कर देगा। उन्होंने नीतीश या चिराग का नाम लिए बिना कहा है कि बीजेपी को समर्थन दे रहे क्षेत्रीय दल बिना रीढ़ की हड्डी के सिद्धांतहीन लोगों के हाथ में है। हालांकि चिराग ने जातियों की गिनती का समर्थन किया है जबकि नीतीश काफी समय से जाति जनगणना को अपने एजेंडे में काफी अहमियत दे रहे हैं।