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तेजस्वी बोले- लालू ने UPA सरकार में की थी भारतरत्न की मांग, पहले छोटी जाति के लोगों को खाट पर बैठने नहीं देते थे

 

बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को केंद्र सरकार द्वारा भारत रत्न दिये जाने की घोषणा होते ही राजनीति तेज हो गई है. बिहार में बुधवार को बीजेपी सहित जेडीयू और राजद अलग-अलग जगहों पर कर्पूरी जयंती मना रहा है. इस बीच बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को पता चलना चाहिए कि कर्पूरी जी ने कैसी लड़ाई लड़ी. अभी लड़ाई बाकी है जिसे हासिल किया जायेगा.

उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा कर्पूरी जी को भारत रत्न देने की मांग की है. हर प्लेटफार्म पर भारत रत्न देने की मांग उठती रही है. आज भारत सरकार को भारत रत्न देना पड़ा है, इसके लिए सबसे ज्यादा धन्यवाद बिहार की जनता को है. लालू जी ने कर्पूरी ठाकुर के काम को आगे बढ़ाया. पहले छोटी जाति के लोगों को खटिया पर बैठने नहीं दिया जाता था. लालू ने लोगों को जगाने और चेतना पैदा करने का काम किया.

तेजस्वी यादव ने कहा कि लोगों को जुबान देने वाला एक ही नाम है लालू प्रसाद यादव. मैं उनका पुत्र हूं यह मेरा सौभाग्य है. कर्पूरी और लालू जी के काम को हम हमेशा आगे बढ़ाने का काम करेंगे. तेजस्वी यादव कहता है जो काम अधूरा है वो पूरा करूंगा. बहुत लोग हैं जिन्होंने घुटने टेका है लेकिन राजद और लालू ने कभी घुटना नहीं टेका. जितना भी तूफान आ जाए हमलोग टस से मस नहीं होने वाले.

तेजस्वी ने कहा कि बिहार में गठबंधन की सरकार ने जो काम किया उतना किसी ने नहीं किया है. जातीय गणना के बाद आरक्षण बढ़ाने का काम किया, इसी का दबाव है कि मोदी सरकार को भारत रत्न देना पड़ा. बीजेपी कल तक गाली देती थी आज पटाखा चला रही है. यह बिहार है. यहां कुछ नहीं चलने वाला. तेजस्वी ने कहा कि कांशीराम और लोहिया को भी भारत रत्न दिया जाए. बिहार की राजनीति समाजवादी तय करते हैं. बीजेपी में भारी डर का माहौल था. सभी समाजवादियों के एक हो जाने से बीजेपी डर गई थी. तेजस्वी यादव ने बताया कि लालू यादव ने यूपीए सरकार में भी कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग की थी, लेकिन वह मांग पूरी नहीं हुई थी. अब केंद्र सरकार ने इसे मरणोपरांत भारत रत्न के रूप में घोषित किया है.