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तेजस्वी बोले- हो सकता है सीट शेयरिंग हो गई हो, गठबंधन के बारे में बार-बार नहीं देंगे सफाई

 

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की दही-चूड़ा भोज में सीएम नीतीश कुमार, जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और विजय चौधरी शामिल हुए. सीएम अपने आवास से पैदल ही राबड़ी आवास गए. इस भोज के साथ ही सियासत भी तेज हो गई है.  इस दौरान दोनों नेताओं के बीच काफी कम बातें हुई. ऐसा लग रहा था कि सिर्फ लोगों को यह बताने की कोशिश की गई कि महागठबंधन में सबकुछ ठीक है हालांकि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने जेडीयू-आरजेडी के रिश्तों के बीच खटास की बात को सीरे से खारिज कर दिया है

जेडीयू और आरजेडी के रिश्तों के बीच खटास की बातें हो रही हैं? इस सवाल पर तेजस्वी ने कहा कि ये सब बेकार की बातें हैं. ये सब कितनी ही दिनों से मीडिया में चल रही है. इस पर बार-बार कोई क्यों सफाई देगा, जिस बात का कोई मतलब ही नहीं है. असल में जब से महागठबंधन बना है, तब से भाजपा घबराई हुई है. जब से लालू प्रसाद और नीतीश कुमार एक साथ आए हैं और जो काम हो रहे हैं उससे बीजेपी के लोग परेशान हैं.

तेजस्वी ने कहा कि बिहार में लाखों लोगों को नौकरियां दी गईं, जातीय गणना हुआ, आरक्षण बढ़ाया गया, बहुत सारे समूहों का मानदेय बढ़ाया गया है, बिहार में निवेश बढ़ रहा है तो लोगो में तो थोड़ा डर तो जरूर हो गया है कि ये लोग अपना वादा पूरा कर रहे हैं. कोई भी कुछ भी कहता रहे इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. 

लालू किडनी ट्रांसप्लांट के बाद पहली बार दही-चूड़ा का भोज दे रहे हैं. लालू प्रसाद के अस्वस्थ रहने की वजह से बीते कई सालों से राबड़ी देवी आवास में दही-चूड़ा का आयोजन नहीं हुआ था. दही-चूड़ा के बाद खरमास खत्म हो रहा है। परंपरा और मान्यता है कि खरमास में कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है। यानी दही-चूड़ा भोज के बाद बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर सीटों का बंटवारा भी हो जाएगा। दही-चूड़ा भोज के साथ भाजपा विरोधी गठबंधन इंडिया के अंदर सीटों की गुत्थी लालू-नीतीश मिलकर सुलझा सकते हैं। माना जा रहा है कि जिन सीटों पर पेंच फंसा हुआ है उस पर सहमति जल्द बना ली जाएगी।