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सत्र का आखिरी दिन, हंगामे की पूरी तैयारी! विपक्ष-सत्ता में फिर हो सकता है सीधा टकराव

 
विधानसभा

Patna: बिहार विधानसभा का मानसून सत्र आज अपने अंतिम मुकाम पर है, और इसी के साथ नीतीश सरकार के मौजूदा कार्यकाल का भी आखिरी सत्र खत्म हो रहा है। लेकिन जैसे-जैसे परदा गिरने का वक्त आया, सदन में गर्मी और ज्यादा बढ़ गई।


पहले दिन से ही तकरार का माहौल रहा, और अब तो मामला गाली-गलौज और हाथापाई तक पहुंच गया है। खासकर SIR (Special Investigation Report) और मतदाता पुनरीक्षण अभियान को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच सीधी भिड़ंत चल रही है।

तेजस्वी बनाम सम्राट: सदन में जबरदस्त टकराव

गुरुवार को सदन का माहौल तब और गरमा गया जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के बीच तीखी बहस हो गई। तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि वोटर लिस्ट में बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है, BLO खुद से साइन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “पत्रकार पर FIR कराने वाले आप कौन होते हैं?”

इस पर सम्राट चौधरी का जवाब और भी तीखा रहा। उन्होंने कहा:“जिसका बाप अपराधी हो, वो क्या बोलेगा! चल हट लुटेरा हो...” इसके बाद सदन में हंगामा इतना बढ़ा कि कार्यवाही रोकनी पड़ी।

मारपीट की नौबत, माइक तोड़ा गया!

गुरुवार के घटनाक्रम ने सबको चौंका दिया। बीजेपी के एक विधायक ने गुस्से में माइक तोड़ डाला और विपक्षी विधायकों की ओर लपकने लगे। जवाब में RJD के विधायक भी अपनी सीट छोड़कर भिड़ने के लिए तैयार हो गए। मार्शलों को बीच-बचाव करना पड़ा, नहीं तो सदन में हाथापाई हो सकती थी।

तेजस्वी का बड़ा आरोप- "सदन में दी गई मां-बहन की गालियां"

सदन से बाहर आकर तेजस्वी यादव ने और भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष के विधायकों ने सदन के भीतर उन्हें मां-बहन की गालियां दीं। तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधते हुए कहा: “बिहार को एक जिंदा और दिलेर मुख्यमंत्री चाहिए, अचेत अवस्था वाला नहीं। नीतीश जी को भाजपा ने हाईजैक कर लिया है।”

क्या है SIR और Voter Verification विवाद?

SIR यानी Special Investigation Report के ज़रिए मतदाता सूची की जांच की जा रही है।

विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग हो रहा है और फर्जी मतदाताओं को जोड़ने और असली वोटरों को हटाने का खेल चल रहा है।

क्या आगे भी बढ़ेगा विवाद?

आज सत्र का आखिरी दिन है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक विपक्ष आज फिर सदन में जोरदार विरोध दर्ज कराने की तैयारी में है। विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों से संयम बरतने की अपील की है, लेकिन माहौल देखकर लगता है कि यह अपील हवा में उड़ सकती है।

सवाल उठता है...

क्या नीतीश सरकार अपने आखिरी सत्र में कोई मजबूत संदेश दे पाएगी? क्या विधानसभा अब सिर्फ राजनीतिक अखाड़ा बन गई है? क्या मतदाता पुनरीक्षण वाकई निष्पक्ष है या सिर्फ एक राजनीतिक चाल?