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चिराग के दही-चूड़ा भोज में छाई रही नीतीश के पलटने की चर्चा

 

आज लोक जनशक्ति पार्टी(रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के आवास पर भी दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया गया. इसमें कई दलों के नेता शामिल हुए. दही-चूड़ा भोज में नीतीश कुमार के पलटने की चर्चा गरमाई रही. हम के संरक्षक जीतन राम मांझी से लेकर चिराग पसवान तक सभी ने नीतीश कुमार के पलटने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

दरअसल बिहार में खरमास ख़त्म होते ही राजनीतिक खेला की आशंका जताई जाने लगाती है . पिछले कुछ समय से नीतीश कुमार के पुनः NDA के साथ आने की भी चर्चा गरमाई हुई है. जीतन राम मांझी ने इसपर कहा कि राजनीति में हमेशा परिवर्तन होते रहता है. इसलिए मैं भी इस तरह की बात करता रहता हूँ. मैंने किसी व्यक्ति को चिन्हित कर के नहीं कहा था. राजनीति में दो जोड़ दो चार नहीं होता है, दो जोड़ दो छह भी हो सकता है और एक भी हो सकता है. राजनीति में परिवर्तन की संभावना बनी रहती है.

NDA में नीतीश का स्वागत करेंगे या नहीं? इस सवाल पर जीतन राम मांझी ने कहा कि NDA में सबसे बड़ी पार्टियो भाजपा है. अगर भाजपा, नीतीश कुमार को साथ लेना चाहेगी तो उसमें हमलोग कुछ नहीं कर सकते हैं. भाजपा जो चाहेगी हम वही मानेंगे. उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार तो पलटी मारते ही रहे हैं. अभी वो पलटी मारेंगे या नहीं ये तो वही जानें.

नीतीश कुमार के पलटने के सवाल पर चिराग पासवान की भी प्रतिक्रिया सामने आयी है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की विश्वनियता इतनी कम हो गई है कि हर दसवें दी उनको लेकर कोई न कोई कयास लगाया जाता है. दस दिन पहले तक ये तय हो गया था कि वो NDA में आ रहे हैं. लेकिन उसके बाद कयासों का बाजार धीमा पड़ने लगा.  लेकिन अब भी ये कयास लगाए जा रहे हैं. इसको लेकर बयानबाजी करने से जनता को कोई लाभ नहीं होने वाला है.

नीतीश के NDA  में आने से चिराग और उपेन्द्र कुशवाहा की टेंशन बढ़ेगी इस सवाल पर चिराग पासवान ने कहा कि क्यों बढ़ेगी टेंशन. हमारी टेंशन किस लिए बढ़ेगी हमारी वजह से ही जदयू विधानसभा में तीसरे नंबर की पार्टी बनी है. नीतीश कुमार को अपनी टेंशन होगी. यदि वो ऐसा सोचेंगे कि हर बार वो इसी तेवर में उधर जाएंगे और फिर उसी  तेवर में इधर आएंगे तो ऐसा नहीं होने वाला है. आज की तारीख में नीतीश कुमार और उनकी  पार्टी की ताकत कितनी है  ये सबको पता है. उनके रहने से गठबंधन को नुकसान होता है. इसलिए तो I.N.D.I.A गठबंधन का संयोजक उन्हें नहीं बनाया गया. आज की तारीख में हर कोई नीतीश कुमार और उनकी पार्टी से कन्नी कटाने का प्रयास कर रहा है.