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विजय चौधरी बोले- हमको पता है पेपर लीक होने से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं दिया गया है मुख्य सचिव को

 

बिहार में इन दिनों बीपीएससी छात्रों का प्रदर्शन सियासत में जमकर सुर्खियां बटोर रहा है। बीपीएससी परीक्षार्थी 70वीं प्रारंभिक परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इस बीच नीतीश सरकार में मंत्री विजय चौधरी ने बड़ा बयान दिया है। पटना में BPSC के छात्र धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों का दावा है कि 70वीं पीटी परीक्षा में पेपर लीक हुआ है और वो लगातार इस परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। छात्रों के दो प्रतिनिधिमंडलों ने मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद यह कहा जा रहा था कि छात्रों ने सीएस को बीपीएससी की परीक्षा में पेपर लीक से संबंधित सबूत सौंपे हैं। लेकिन नीतीश सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने साफ किया है कि सीएस को कोई सबूत नहीं दिया गया है।

विजय कुमार चौधरी ने कहा, 'हमको जो पता है कि पेपर लीक होने से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं दिया गया है। दो प्रतिनिधिमंडलों ने मुलाकात की है।' छात्रों के प्रदर्शन पर राजनीतिक रोटी सेंके जाने को लेकर विजय चौधरी ने कहा, ‘हमलोगों ने राजनीतिक रोटियां सेंकने का मौका किसी को नहीं दिया है। सरकार में मुख्य सचिव से बड़ा कोई अधिकारी नहीं होता है। मुख्य सचिव के स्तर पर खुले तौर से बातचीत होना ही तो सरकार का पारदर्शी तरीका है।’

पत्रकारों से बातचीत में विजय चौधरी ने यह भी कहा कि यदि आपको भी पेपर लीक होने से संबंधित कोई दस्तवेज छात्र उपलब्ध करा देते हैं तो आप लेकर आइएगा तो हमलोग ना सिर्फ उसका स्वागत करेंगे बल्कि कार्रवाई भी करेंगे।

विजय चौधरी ने कहा कि हम लोग छात्र के हित के बारे में सोचते हैं और छात्र के हित के बारे में जो भी होगा वो किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडलों ने मुख्य सचिव से मुलाकात की है। उन्होंने सारी बातें कही है लेकिन उसमें कहां पेपर लीक हुआ, पेपर लीक हुआ तो किसको गया और वो लीक पेपर का प्रमाण कहां है, यह अभी तक मुख्य सचिव के संज्ञान में भी नहीं लाई गई है। पेपर लीक हुआ नहीं और इस बात का हंगामा कर परीक्षा में बाधा डाली गई। 

विजय चौधरी ने आगे कहा कि एक सेंटर पर बवाल हुआ। यह किसकी साजिश हो सकती है? सरकार की तरफ से बार-बार कहने के बावजूद एक भी परीक्षा केंद्र से पेपर लीक से संबंधित कोई प्रमाण नहीं दिया गया है। मतलब अभी तक कि यही स्थिति यही है कि पेपर लीक नहीं हुआ और लीक हुआ उसका कोई प्रमाण नहीं है। जिन्होंने हंगामा किया उनसे भी पुछें कि हंगामा खड़ा कर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ क्यों?