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बीजेपी में नया अध्यक्ष कौन? नड्डा के बाद नेतृत्व चयन पर तेज़ हुई हलचल

 
बीजेपी में नया अध्यक्ष कौन? नड्डा के बाद नेतृत्व चयन पर तेज़ हुई हलचल

Bihar News: बीजेपी में शीर्ष नेतृत्व को लेकर हलचल तेज़ हो गई है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा का मूल कार्यकाल 20 जनवरी 2023 को पूरा हो गया था, लेकिन पार्टी ने उन्हें दो साल का विशेष विस्तार देकर एक तरह से नया मिसाल बना दिया, यह ऐसा पहला मौका था जब किसी अध्यक्ष को इतना लंबा अतिरिक्त कार्यकाल मिला। नड्डा ने एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया: केंद्र सरकार में मंत्री रहते हुए लगातार 18 महीने तक पार्टी अध्यक्ष बने रहने वाले वे बीजेपी के पहले नेता बने।

नया अध्यक्ष कौन? संघ की भूमिका सबसे अहम

पार्टी के भीतर अब नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर चर्चाएँ गर्म हैं। सूत्र बताते हैं कि फैसले में देरी के पीछे आरएसएस की सक्रिय भूमिका है। संघ चाहता है कि अध्यक्ष ऐसा व्यक्ति हो जो सिर्फ चुनावी चेहरा न हो, बल्कि एक मज़बूत संगठनकर्ता भी हो। संघ का स्पष्ट मानना है कि नए अध्यक्ष के पास इन खूबियों का होना बेहद ज़रूरी है:
    •    चुनावी आकर्षण और करिश्मा
    •    संगठन चलाने की क्षमता
    •    संघ और उसकी विचारधारा से गहरा जुड़ाव
    •    हिंदुत्व को लेकर स्पष्ट प्रतिबद्धता

संघ और प्रधानमंत्री मोदी दोनों ही अचानक और अप्रत्याशित फैसलों के लिए जाने जाते हैं। 2009 में नितिन गडकरी की ‘वाइल्ड कार्ड एंट्री’ इसका बड़ा उदाहरण है। इसी वजह से इस बार भी यह माना जा रहा है कि नाम तय दायरे या स्थापित चेहरों तक सीमित न रहे।

मोदी के बाद बीजेपी कैसी दिखेगी—यही असली सवाल

पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ संघ पदाधिकारी के मुताबिक नए अध्यक्ष का चुनाव सिर्फ एक पद भरना नहीं है, बल्कि यह तय करना है कि मोदी के बाद बीजेपी कैसी होगी और उसका नेतृत्व कैसा होगा।
नए अध्यक्ष को तीन बड़े संतुलन साधने होंगे:
    1.    संघ का भरोसा जीतना
    2.    मोदी की मंज़ूरी पाना
    3.    पार्टी और संघ कार्यकर्ताओं का सम्मान बनाए रखना

इसके साथ ही उन्हें पार्टी में वैचारिक गहराई लौटाने, गुटबाज़ी को नियंत्रित करने और भविष्य के नेतृत्व परिवर्तन की राह सहज बनाने जैसी चुनौतीपूर्ण ज़िम्मेदारियाँ भी निभानी होंगी।

नया साल, नया अध्यक्ष?

संकेत मिल रहे हैं कि बीजेपी नए साल की शुरुआत नए अध्यक्ष के साथ करेगी। यह नेतृत्व कितना नया, कितना परंपरागत और कितना प्रयोगात्मक होगा, यही आने वाले दिनों में पार्टी की दिशा तय करेगा।

फिलहाल, चर्चा तेज़ है, नाम कई हैं, लेकिन अंतिम फैसला वही करेगा जिसने हमेशा किया है- संघ, और उन पर अंतिम मुहर लगाएंगे प्रधानमंत्री मोदी।