फल वाले का बेटा बना IPL स्टार, सन राइजर्स हैदराबाद टीम में शामिल
आईपीएल के 15वें सीजन में सन राइजर्स हैदराबाद के तेज गेंदबाज उमरान मलिक ने 153 KMPH की रफ्तार से गेंद फेंक कर बल्लेबाजों में खौफ पैदा कर दिया. बेशक उमरान को ज्यादा विकेट नहीं मिले हैं, लेकिन उनकी रफ्तार की तारीफ की जा रही है. इससे पहले राजस्थान के खिलाफ हुए मुकाबले में उमरान मलिक ने अपनी पेस से राजस्थान के बल्लेबाजों को भी परेशान किया था. उमरान ने देवदत्त पड्डिकल को भी 150 KMPH से भी ज्यादा की रफ्तार से गेंद फेंक कर क्लीन बोल्ड किया था.
बता दें, जम्मू के रहने वाले उमरान मलिक को कभी असम रणजी टीम के कोच पूर्व क्रिकेटर अजय रतड़ा ने उनकी गेंद की रफ्तार को देखने के बाद अपने खिलाड़ियों को प्रैक्टिस कराने से मना कर दिया था. दरअसल 2019 में असम की टीम जम्मू- कश्मीर के साथ मैच खेलने के लिए जम्मू आई हुई थी. जम्मू कश्मीर की रणजी टीम में उमरान को जगह नहीं दी गई थी. वह ग्राउंड पर गेंद कर रहे थे. असम की टीम ने अपने खिलाड़ियों को तेज गेंदबाजी की प्रैक्टिस के लिए उन्हें अपने साथ शामिल किया. उमरान ने अभी 4 गेंद ही फेंकी थी कि असम के कोच रतड़ा ने रफ्तार को देखकर गेंद करने से रोक दिया और कहा कि कहीं इनकी गेंद पर असम के खिलाड़ी मैच से पहले ही चोटिल न हो जाएं. रतड़ा ने उमरान के टीम में नहीं शामिल किए जाने पर हैरानी भी जताई और उमरान को बुलाकर कहा था, 'चिंता मत करो, तुम एक दिन इंडिया की रफ्तार बनोगे'.
उमरान मलिक के अलावा गुजरात लॉयन्स के तेज गेंदबाज लॉकी फर्ग्युसन भी पेस के मामले में उमरान को टक्कर देते नजर आ रहे हैं. लॉकी फर्ग्युसन भी लगातार गुजरात के लिए 150 KMPH से ज्यादा की रफ्तार से गेंदबाजी कर रहे हैं. उमरान मलिक के कोच रणधीर सिंह ने बताया, 'उमरान 17 साल की उम्र में मेरे पास आए थे. जब वह आए थे तब उनकी स्पीड काफी अच्छी थी. अन्य बल्लेबाज उनकी गेंद खेलने से डरते थे. उमरान रेगुलर नहीं आते थे. मैंने उनकी स्पीड देखने के बाद उनसे कहा था कि आप फोकस करें और रेगुलर प्रैक्टिस करें. जिसके बाद उमरान लगातार अभ्यास करने के लिए आने लगे. कुछ ही दिनों उनका सिलेक्शन अंडर-19 टीम के लिए हो गया था.
रणधीर सिंह बताते हैं कि पिछले सीजन में UAE में IPL के दूसरे सीजन में सनराइजर्स के तेज गेंदबाज टी नटराजन के कोरोना संक्रमित होने के बाद उमरान को तेज गेंदबाज के तौर पर शामिल किया गया, उसके बाद उमरान ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपनी तेज गेंदबाजी से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. बाद में उन्हें इंडिया ए के साउथ अफ्रीका दौरे पर टीम में शामिल किया गया.
पिता बेचते हैं फल, नहीं चाहते थे कि बेटा भी यही काम करे
रणधीर सिंह ने बताया कि उमरान के पिता अब्दुल राशिद मलिक नहीं चाहते थे कि उनका बेटा भी उनकी तरह सब्जी और फल बेचे. इसलिए उन्होंने उमरान को कभी भी दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने से नहीं रोका. उमरान के पिता का जम्मू के शहीदी चौक पर फल और सब्जी की दुकान है. उमरान के पापा और चाचा इसे संभालते हैं.