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दिल्ली HC ने सीआईएसएफ निरीक्षकों की याचिका का जवाब नहीं देने के मामले में दो केंद्रीय मंत्रालयों पर लगाया जुर्माना

 

दिल्ली हाईकोर्ट ने 19 साल से प्रोन्नत नहीं किए गए 500 से अधिक सीआईएसएफ निरीक्षकों की याचिका का जवाब नहीं देने के मामले में केंद्रीय गृह, कार्मिक मंत्रालयों  पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जानकारी के अनुसार सीआईएसएफ के इंस्पेक्टर्स ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें 5 साल में एक बार प्रमोट करना चाहिए था, लेकिन बीते 19 साल से प्रमोशन नहीं मिला है. 

Delhi High Court turns 50: 10 landmark judgements through the years | Mint

आपको बता दें कि जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने 21 दिसंबर को एक आदेश जारी किया, जिसमें गृह मंत्रालय और कार्मिक मंत्रालय को चार सप्ताह के भीतर लिखित जवाब दाखिल करने का आखिरी मौका दिया गया. इसके अलावा जुर्माने के तौर पर 10 हजार रुपये दिल्ली हाई कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी में जमा करने का आदेश दिया है. 

इस मामले में प्रतिवादियों में केंद्रीय गृह मंत्रालय और सीआईएसएफ के महानिदेशक, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के अध्यक्ष और कार्मिक मंत्रालय शामिल हैं. गृह मंत्रालय के अधीन ही सीआईएसएफ काम करता है. सीआईएसएफ के 540 से अधिक इंस्पेक्टर्स ने इस साल की शुरुआत में अदालत के समक्ष एक रिट याचिका दायर की थी. इसमें उनके करियर के मार्ग में उन्हें बढ़ने से वंचित रखने का आरोप लगाया गया था. उनको 34 साल से अधिक की सर्विस में केवल एक बार ही प्रमोशन मिला है. सब-इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर को प्रमोशन दिया गया है. उन्होंने कहा कि उन असिस्टेंट कमांडेंट की रैंक का प्रमोशन मिलना चाहिए.