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तेजस्वी यादव ने जापान में की बिहार पर्यटन की ब्रांडिंग, कहा- यहां का भ्रमण आपको कराएगा अद्भुत अनुभव

 

जिन ऐतिहासिक स्थलों से गुजरते हुए राजकुमार सिद्धार्थ चले, ध्यान किया और बुद्धत्व का ज्ञान प्राप्त किया, उस बिहार में आप सभी का स्वागत है। जिस धरती पर दुनिया के महान तीर्थयात्रियों को इतिहास का खजाना मिला, जिस भूमि पर सभ्यता और संस्कृति अपनी गहरी जड़ें शताब्दियों पूर्व ही जमा चुकी थी, उस संस्कृति से रूबरू होने की चाह रखने वाले दुनिया भर के पर्यटकों का बिहार में स्वागत है। ये बातें उपमुख्यमंत्री सह पर्यटन मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने जापान की राजधानी टोक्यो में इन्क्रेडिबल इंडिया द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कही। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस बेहतरीन कार्यक्रम के आयोजन के लिए JATA 2023 के आयोजकों और भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय को जापान में आमंत्रित करने और बिहार पर्यटन को प्रदर्शन करने का अवसर देने के लिए अपना आभार व्यक्त करना चाहता हूं। मैं इस कार्यक्रम में हमारी भागीदारी और टोक्यो और ओसाका में पर्यटन से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स की बैठक के आयोजन में समर्थन के लिए जापान में भारतीय दूतावास को भी धन्यवाद देना चाहता हूं। 

tejaswi yadav

उपमुख्यमंत्री द्वारा गुरुवार को जापान के जाटा ट्रैवेल शो में इन्क्रेडिबल इंडिया और बिहार पैवेलियन की संयुक्त रूप से शुरूआत भी की गयी, जहां आज से अगले चार दिनों तक बिहार के पर्यटन स्थलों की अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग होगी। कार्यक्रम में तेजस्वी प्रसाद यादव ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार राज्य में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। बिहार कई धर्मों की जन्मस्थली और आध्यात्मिक जागृति की भूमि है। उन्होंने कहा कि बिहार की सबसे अनूठी पेशकशों में से एक बौद्ध सर्किट के बारे में आप सबको जानकारी देना चाहता हूं। बिहार में बौद्ध सर्किट को दो प्रमुख भौगोलिक क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है। गंगा नदी के दक्षिण में हमारे पास बोधगया, राजगीर और नालंदा हैं जबकि गंगा नदी के उत्तर में हमारे पास वैशाली, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण हैं। इन बौद्ध स्थलों में से बोधगया उन सभी बौद्धों के लिए बहुत महत्व रखता है जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थली महाबोधि मंदिर की यात्रा करते हैं। एक दूसरी यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थली नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेषों को भी देखना आप सब के लिए एक कभी नहीं भूलने वाला अनुभव होगा।

वहीं पर्यटन सचिव अभय कुमार सिंह ने कहा कि प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय, जो हजारों साल पहले शिक्षा का दुनिया का एक प्रमुख केंद्र था और कई शताब्दियों तक दुनिया भर से विविध विषयों का अध्ययन करने के लिए हजारों छात्रों को आकर्षित करता था। राजगीर में गृद्धकूट पहाड़ी पर भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़ा एक और महत्वपूर्ण स्थान है जहां उन्होंने कई साल बिताए और अपने कुछ सबसे महत्वपूर्ण उपदेश दिए। 2000 वर्ष से अधिक पुराने कई मौर्यकालीन स्तूप आपको वैशाली, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण में मिलेंगे, पूर्वी चंपारण में केसरिया स्तूप तो सबसे प्रमुख और दुनिया के सबसे ऊंचे स्तूपों में से एक है।  

पर्यटन सचिव अभय कुमार सिंह ने कहा कि बिहार सरकार ने राज्य में स्प्रिचुअल के साथ इको टूरिज्म स्थलों को विकसित करने के लिए कई प्रयास किए हैं। हमने न केवल धार्मिक पर्यटन स्थलों पर पर्यटकीय सुविधाओं का विस्तार किया है, बल्कि इसके साथ ही 50 से अधिक बाघों की आवासन स्थली वाल्मिकी टाइगर रिजर्व, ग्लास ब्रिज, राजगीर में नेचर सफारी और चिड़ियाघर सफारी, बांका जिले में ओढ़नी बांध और पश्चिम चंपारण में अमवामन को वाटर स्पोर्ट्स का केंद्र बनाकर पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। रोहतास और कैमूर जिले में कई मनोरम झरने हैं जो प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करते हैं, वहां सुविधाओं के निर्माण के अलावा पर्यटन विभाग रिवर क्रूज़ और जल क्रीड़ा गतिविधियों के साथ कई अन्य स्थलों को विकसित करने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। 

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