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नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज

 

भारत के नए संसद भवन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए जाने का विपक्षी दल लगातार विरोध कर रहे हैं. इसे लेकर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय ने इस याचिका को खारिज कर दिया. साथ ही याचिकाकर्ता को फटकार भी लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आगे इस तरह की याचिका दोबारा लगाई तो कोर्ट उसके ऊपर जुर्माना लगाएगा.

याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता वकील से कहा कि क्यों न हम आपकी याचिका पर जुमार्ना न लगा दे. यह कहीं से कोर्ट का विषय नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस याचिका पर सुनवाई का कोई आधार ही नहीं है. बता दें कि एक वकील ने यह याचिका दाखिल की थी, जिसमें आरोप लगाया है कि नए संसद भवन के उद्घाटन में राष्ट्रपति को ना बुलाकर संविधान का उल्लंघन किया गया है.

सुप्रीम कोर्ट के वकील सीआर जया सुकिन ने ये जनहित याचिका दाखिल की थी. उन्होंने याचिका में कहा था, उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को शामिल नहीं करके भारत सरकार ने भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है. ऐसा करके संविधान का सम्मान नहीं किया जा रहा है.

याचिका में कहा गया था कि संसद भारत का सर्वोच्च विधायी निकाय है. भारतीय संसद में राष्ट्रपति और दो सदन (राज्यों की परिषद) राज्यसभा और जनता का सदन लोक सभा शामिल हैं. राष्ट्रपति के पास किसी भी सदन को बुलाने और सत्रावसान करने की शक्ति है. साथ ही संसद या लोकसभा को भंग करने की शक्ति भी राष्ट्रपति के पास है.