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ब्लैक फंगस का कहर: प्रदेश में ब्लैक फंगस के 11 नए मामले, अबतक कुल मामले हुए 50 के पार

कोरोना महामारी से लोग उबर भी नहीं पाए हैं कि एक नया ही बीमारी देश में दस्तक ले लिया है. आगे का समय लोगों के लिए कितना भयंकर होने वाला है ये किसी को नहीं पता है. अब परेशानी की बात ये है कि वैसे मरीज जो कोरोना से स्वस्थ हो रहे है वो अलग… Read More »ब्लैक फंगस का कहर: प्रदेश में ब्लैक फंगस के 11 नए मामले, अबतक कुल मामले हुए 50 के पार
 
ब्लैक फंगस का कहर: प्रदेश में ब्लैक फंगस के 11 नए मामले, अबतक कुल मामले हुए 50 के पार

कोरोना महामारी से लोग उबर भी नहीं पाए हैं कि एक नया ही बीमारी देश में दस्तक ले लिया है. आगे का समय लोगों के लिए कितना भयंकर होने वाला है ये किसी को नहीं पता है. अब परेशानी की बात ये है कि वैसे मरीज जो कोरोना से स्वस्थ हो रहे है वो अलग ही बीमारी की चपेट में आ रहे हैं जिसका नाम ब्लैक फंगस है.

आपको बता दें, ब्लैक फंगस का मामला गहराता जा रहा है. सोमवार को प्रदेश में ब्लैक फंगस के 11 नए मामले सामने आए. जिसके बाद प्रदेश में ब्लैक फंगस से ग्रसित मरीजों की संख्या 50 के पार पहुंच गई है. इन 11 मरीजों में पटना एम्स में पांच और आईजीआईएमएस में 6 मरीज एडमिट हुए हैं. इससे एक डॉक्टर की भी मौत हो गई.

ब्लैक फंगस का कहर: प्रदेश में ब्लैक फंगस के 11 नए मामले, अबतक कुल मामले हुए 50 के पार

सोमवार को ब्लैक फंगस से एक डॉक्टर की इलाज के दौरान रूबन मेमोरियल हॉस्पिटल में मौत हो गई. यह प्रदेश में अब तक ब्लैक फंगस से संक्रमित किसी चिकित्सक की पहली मौत है. इसके पहले भी ब्लैक फंगस से प्रदेश में 2 लोगों की मौत हो चुकी है. रूबन हॉस्पिटल के अनुसार बेतिया राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पैथोलॉजी व माइक्रो लॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. उदय शंकर पांडे की इलाज के दौरान मौत हो गई.

ब्लैक फंगस का कहर: प्रदेश में ब्लैक फंगस के 11 नए मामले, अबतक कुल मामले हुए 50 के पार

कोरोना से ठीक होने के बाद उन्हें ब्लैक फंगस हो गया था. 5 दिन पहले वे अस्पताल में एडमिट हुए थे. संक्रमण काफी ज्यादा फैल गया था. जिस वजह से सर्जरी कर दाहिनी आंख निकाल दी गयी थी. बाद में शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया और सोमवार देर रात उनकी मौत हो गई.

ब्लैक फंगस का कहर: प्रदेश में ब्लैक फंगस के 11 नए मामले, अबतक कुल मामले हुए 50 के पार

बताते चलें कि ब्लैक फंगस की चपेट में वे मरीज आ रहे हैं, जो कोरोना से गंभीर रूप से संक्रमित हुए हैं. और जिनकी इम्यूनिटी काफी कम है. इसके साथ ही वे अगर शुगर से पीड़ित हैं और स्ट्राइड का प्रयोग भी इलाज के दौरान हुआ है. स्ट्राइड के प्रयोग से मरीज का शुगर लेवल बढ़ जाता है और इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है. ऐसे में इन मरीजों में ब्लैक फंगस का खतरा काफी बढ़ जाता है. ब्लैक फंगस के बढ़ते मामले को देखते हुए पटना के आईजीआईएमएस हॉस्पिटल में इसके मरीजों के लिए अलग से 50 बेड की व्यवस्था की जा रही है.

ब्लैक फंगस का कहर: प्रदेश में ब्लैक फंगस के 11 नए मामले, अबतक कुल मामले हुए 50 के पार

भारतीय चिकित्सा विज्ञान परिषद (आईसीएमआर) के मुताबिक, ‘ब्लैक फंगस’ एक विशेष तरह का फंगस है. यह शरीर में बहुत तेजी से फैलता है. यह इंफेक्शन उन लोगों में देखने को मिल रहा है जो कि कोरोना संक्रमित होने से पहले किसी दूसरी बीमारी से ग्रस्त है. इसके अलावा यह उन्हीं लोगों में देखने को मिल रहा है, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है.

इस बीमारी से मस्तिष्क, फेफड़े और त्वचा पर भी असर देखने को मिलता है. इसके कारण आंखों की रोशनी भी चली जाती है. वहीं कुछ मरीजों के जबड़े और नाक की हड्डी तक गल जाती है. अगर समय रहते इसका उपचार नहीं किया गया तो तो मरीज की मौत हो जाती है.