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राजद ने कहा बिना किंतु-परंतु का सहारा लिए, तेजस्वी हीं होंगे बिहार के अगले मुख्यमंत्री प्रत्याशी

इस बार लोकसभा चुनाव में राजद को मिली करारी हार के बाद पार्टी ने बिहार में आरजेडी को जिंदा रखने के लिए कमर कस ली है. साथ हीं 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी का भी चयन कर लिया है. बता दें कि राजद के सभी वरिष्ट नेताओं का… Read More »राजद ने कहा बिना किंतु-परंतु का सहारा लिए, तेजस्वी हीं होंगे बिहार के अगले मुख्यमंत्री प्रत्याशी
 

इस बार लोकसभा चुनाव में राजद को मिली करारी हार के बाद पार्टी ने बिहार में आरजेडी को जिंदा रखने के लिए कमर कस ली है. साथ हीं 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी का भी चयन कर लिया है.

बता दें कि राजद के सभी वरिष्ट नेताओं का कहना है कि भले हीं हमें लोकसभा चुनाव में बुरी हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन हम कमजोर नही हुए हैं. उनका कहना है कि राजद की ओर से लोकसभा चुनाव के नेतृत्वकर्ता रहे तेजस्वी यादव हीं बिहार के अगले मुख्मंत्री प्रत्याशी होंगे. इसके लिए कभी भी किंतु.परंतु का सहारा नहीं लिया जाएगा.

इसके साथ ही तेजस्वी यादव की गैर मौजूदगी के बाद लगाई जा रही अटकलों पर भी राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने विराम लगा दिया. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने सर्वसम्मति से तेजस्वी के नेतृत्व में फिर विश्वास जताया है और उन्हें विधानसभा चुनाव में पार्टी का मुख्यमंत्री प्रत्याशी बनाया है.

राजद राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पारित राजनीतिक प्रस्ताव में पार्टी ने साफ कर दिया कि वह अपने सामाजिक सरोकारों और पुरानी पहचान को बरकरार रखेगा. सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई से समझौता नहीं करेगा. राजद के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव कमर आलम, प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे, आलोक मेहता, राष्ट्रीय प्रवक्ता नवल किशोर कुमार एवं चितरंजन गगन ने भी संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी की सामाजिक और राजनीतिक स्वीकार्यता पर मुहर लगा दी है.

खास बात‍ ये रही कि वरिष्ठ नेताओं ने हार की जिम्मेवारी से भी तेजस्वी को मुक्त कर दिया और कहा कि हम हारे नहीं हैं, बल्कि छल के सहारे हमें हराया गया हैण् हम एकजुटता के साथ दोबारा खड़े होंगे, बैठक में मौजूद सभी नेताओं की जुबान पर लालू प्रसाद छाए रहे. सबने उनके नाम पर ही सियासी रूप से गतिशील रहने एवं गरीबों, दलितों, अकलियतों, पिछड़ों, अतिपिछड़ों एवं समाज के अंतिम पायदान के लोगों पर जुल्म के खिलाफ संघर्ष का संकल्प लिया. लालू के जेल में होने का मुद्दा भी उछाला गयाण.