CM 'समाज सुधार अभियान ' पर बयानबाजी, तेजस्वी ने बोला हमला तो ललन सिंह ने दिया जवाब 

 

बिहार के मोतिहारी से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 'समाज सुधार अभियान' की शुरुआत की। मोतिहारी के ऐतिहासिक गांधी मैदान से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस अभियान की शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने इस दौरान अपने संबोधन में शराबबंदी, बालविवाह, दहेज प्रथा जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखी। हालांकि, मुख्यमंत्री के इस अभियान को लेकर विपक्षी हमलावर है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बीते रोज ट्वीट कर मुख्यमंत्री के अभियान पर तंज कसा है। तेजस्वी ने कहा कि सरकार को सिस्टम में सुधार लाने की जरूरत है। वहीं इस पर पलटवार करते हुए जदयू के राष्ट्रीय राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने प्रतिक्रिया दी है। ललन सिंह ने बुधवार को दिल्ली में बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनके माता-पिता के शासनकाल को लेकर हमला बोला।

इस वजह से दिल्ली जाना पड़ा तेजस्वी को- https://youtu.be/XPyTJomRbhw

ललन सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव अव्यवस्था के प्रतीक रहे हैं उनके पिताजी और माताजी के शासनकाल में बिहार में जो अव्यवस्था थी वही उनकों समझ में आता है। इसके आगे उन्हें कुछ भी दिखाई नहीं देता है। वहीं तेजस्वी द्वारा रोजगार के मुद्दे पर यात्रा पर निकलने पर ललन सिंह ने कहा, "  तेजस्वी को रोजगार से क्या मतलब है। रोजगार के बारे में वह जानते क्या हैं? माता-पिताजी ने 15 साल तक बिहार में शासन किया था। उन्होंने कितने लोगों को रोजगार दिया और कितने लोगों को सरकारी नौकरियां हुईं इसके बारे में तो बताइए। " 

इस क्रिसमस डे पर रिलीज होगी अक्षय कुमार की ये फिल्म- https://youtu.be/0KTfG7wvU9E

ललन सिंह ने कहा कि पहले राज्य में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा नहीं होती थी। सिपाही, दारोगा की बहाली भी नहीं होती थी। जब मुख्यमंत्री नीतीश ने 2005 में बिहार की सत्ता संभाली तब बिहार पुलिस की एवरेज उम्र 45 वर्ष थी। उस समय पुलिस के पास पुराने हथियार थे आधुनिक हथियार मालखाना में इसलिए पड़ा हुआ था कि लालू-राबड़ी के शासनकाल में बहाली ही नहीं किया गया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब बिहार की सत्ता संभाली तब दारोगा, सिपाही और डिप्टी कलक्टर को बहाल किया गया। बीपीएससी की 4 संयुक्त परीक्षा को एक साथ लिया गया। ऐसा इसलिए क्योंकि चार साल से बीपीएससी की परीक्षा ही नहीं ली गई थी। ललन सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव को रोजगार और बेरोजगारी पर बात करने का कोई अधिकार नहीं है। वहीं मांझी के बयान पर ललन सिंह ने कहा कि जीतन राम मांझी ने तो अपने बयान को लेकर खंडन भी किया है। वहीं जातीय जनगणना पर कहा कि बिहार में इसे लेकर एक मत है बिहार विधानसभा में इस प्रस्ताव को सर्वसम्मती से पारित भी किया गया है। सभी राजनैतिक पार्टियां इसके पक्ष में है। 

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बता दें कि मुख्यमंत्री के अभियान पर तेजस्वी यादव ने कहा था, "   16 वर्षों के आदरणीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, बिहार को 'समाज सुधार' से अधिक 'व्यवस्था सुधार' यात्रा की आवश्यकता है क्योंकि व्यवस्था दुरुस्त होने से अधिकांश सामाजिक समस्याएं स्वतः दूर हो जाएंगी। प्रदेश में प्रशासनिक अराजकता व्याप्त है। मानिए, आपका 'सिस्टम' पूर्णतः ध्वस्त हो चुका है। " नेता प्रतिपक्ष ने सवाल पूछा था कि गरीबी, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, बदहला शिक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य व्यवस्था में गड़बड़ी, महंगाई, पलायन सरकार की व्यवस्था संबंधित सबसे बड़ी सामाजिक समस्याएं नहीं हैं? आप इन सामाजिक खामियों, समस्याओं और प्रशासनिक विफलताओं पर यात्रा कर इन्हें दूर क्यों नहीं करना चाहते? बीते रोज तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट के माध्यम से बिहार में बढ़ते अपराध, शराबबंदी कानून की असफलता, सिस्टम की खामियों पर तीखा व्यंग्य किया था। 

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गौरतलब है कि बुधवार को दिल्ली में जदयू सांसदों की बैठक हुई। सांसद महाबली सिंह के सरकारी आवास पर आयोजित इस मीटिंग में पार्टी के तमाम लोकसभा और राज्यसभा सांसद शामिल हुए। जदयू अध्यक्ष ललन सिंह, केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, दुलाल चंद्र गोस्वामी, चंदेश्वर चंद्रवंशी, कौशलेंद्र कुमार सहित पार्टी के सभी सांसद मौजूद थे। खबरों की मानें तो इस बैठक में यूपी, पंजाब, मणिपुर समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव पर चर्चा हुई। इसके साथ ही इस बैठक में बिहार में जातीय जनगणना के मुद्दे को लेकर भी चर्चा हुई। पार्टी को बिहार सहित पूरे देश भर में किस तरह और मजबूत बनाया जाए, इस पर भी मंथन हुआ है। 

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