निगरानी विभाग के एसपी को मिली धमकी, दूसरी तरफ राजगीर में चल रहा है कॉलेज घोटाला 

 

मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेंद्र प्रसाद एक बार फिर चर्चा में हैं। लेकिन इस बार मामला भ्रष्टाचार का नहीं है। दरअसल, विशेष निगरानी ईकाई (एसवीयू) के एसपी जेपी मिश्रा को जान से मारने की धमकी मिली। इस धमकी के पीछे कुलपति से जुड़े कुछ लोगों पर शंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि मगध यूनिवर्सिटी के कुलपति से जुड़े कुछ लोगों ने एसवीयू के एसपी को कल दो अलग-अलग नंबरों से कॉल कर धमकी दी। एसवीयू के एसपी ने बताया कि फोन पर उन्हें कहा गया कि कुलपति से खिलाफ चल रही जांच को भूल जाओ। अगर कभी गया आये तो उल्टा लटका देंगे। यही नहीं धमकी देने वाली ने ऊंची पहुंच की धौंस भी दी। इसके बाद एक अन्य व्यक्ति ने भी कुलपति को धमकी दी। एसपी के अनुसार, उन्हें धमकी देने वाले लोगों ने मगध विश्वविद्यालय कार्यालय में जाकर हंगामा भी किया है।

इससे पहले एक माह के अवकाश अवधि समाप्त होने के बाद एसवीयू ने मगध विवि के कुलपति राजेंद्र प्रसाद को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए 3 जनवरी को पेश होने के लिए कहा था। लेकिन, इस पूछताछ से बचने के लिए कुलपति एक बार फिर से एक माह के लिए अवकाश पर चले गए हैं। इस कारण से जांच एक बार फिर से रूक गया है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में निगरानी जांच का सामना कर रहे मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजेंद्र प्रसाद ने अपना मेडिकल अवकाश बढ़ा लिया है। राजभवन ने इस आधार पर प्रति कुलपति विभूति नारायण सिंह को कुलपति पद का कार्यप्रभार एक माह या कुलपति प्रो राजेंद्र प्रसाद के लौटने तक के लिए बढ़ा दिया है। 

गौरतलब है कि आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में मगध विवि के वीसी राजेंद्र प्रसाद के 17 नवंबर को उनके बिहार व यूपी स्थित ठिकानों पर विशेष निगरानी इकाई ने छापेमारी की थी, जिसमें बड़ी मात्रा में कैश, ज्वेलरी, विदेशी मुद्राएं बरामद की गयी थीं। इसके बाद से ही राजेंद्र प्रसाद जांच से बचने की कोशिश में लगे हुए हैं। 

वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री के गृह जिले नालंदा के राजगीर में उच्च शिक्षा को लेकर धांधली चल रही है। दरअसल, 1979 में स्थापित पूज्य तपस्वी श्री जगजीवन जी महाराज कॉलेज (पीटीजेएम कॉलेज) राजगीर में गुरुवार को पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी की तीन सदस्यीय टीम निरीक्षण के लिए पहुंची थी। लेकिन, टीम के आने से पहले ही आनन-फानन में कॉलेज के मुख्य द्वार सहित सभी वैसी जगहों को राजगीर कॉलेज नाम के बैनर से ढंक दिया गया जहां पीटीजेएम कॉलेज का नाम लिखा था। यहां तक कि कॉलेज के संस्थापक सचिव पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री स्व. सुरेन्द्र प्रसाद की प्रतिमा के नीचे लगे शिलापट्‌ट पर भी राजगीर कॉलेज का बैनर लगा दिया गया। यानी, कुछ घंटे पहले तक जिस भवन में पीटीजेएम कॉलेज का संचालन हो रहा था, उसे अब पूरी तरह राजगीर कॉलेज के रूप में तब्दील दिखा। हद तो तब हो गई, जब टीम निरीक्षण कर लौटी। टीम के लौटने के  तुरंत बाद ही राजगीर कॉलेज का बैनर सभी जगहों से हटा दिया गया। ऐसे जैसे राजगीर कॉलेज का कोई नामोनिशान ही नहीं हो।

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